''सपना ही रह सकता है ओलंपिक में हॉकी पदक''

punjabkesari.in Monday, Aug 31, 2015 - 05:02 PM (IST)

नई दिल्ली: वर्ष 1956 की ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता टीम के सदस्य रहे आर एस भोला का मानना है कि रियो ओलंपिक में जगह बना लेने के बावजूद पुरुष और महिला टीमों के लिए पदक जीतना सपना ही बना रह सकता है। भारतीय महिला टीम ने 36 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद ओलंपिक के लिए क्वालिफाई कर लिया है। पिछले वर्ष बेल्जियम में संपन्न हुए हॉकी वर्ल्ड लीग सेमी फाइनल्स में टीम ने पांचवां स्थान हासिल किया था।


यूरो हॉकी चैंपियनशिप में इंग्लैंड और हॉलैंड के फाइनल में पहुंचने के साथ ही भारतीय टीम का रियो के लिए रास्ता खुल गया। भारतीय महिला हॉकी टीम ने इससे पहले वर्ष 1980 में मास्को में हुए ओलंपिक में शिरकत की थी। इसके अलावा पुरुष हाकी टीम ने भी पिछले वर्ष इंचियोन में संपन्न हुए एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने के साथ ही ओलंपिक के लिये क्वालिफाई कर लिया था। इससे कई लोगों में हाकी के सुनहरे दिन वापस लौटने की उम्मीद जगी है। 


हालांकि 1956 में स्वर्ण और 1960 में रजत जीतने वाली टीम के सदस्य रहे भोला ने कहा ‘‘आधुनिक हाकी में वही टीमें कामयाब हैं जिसके खिलाड़ियों में बेहतरीन फिटनेस के साथ साथ बेहतर कौशल, रणनीति, योजनाओं के साथ ही मानसिक तौर पर भी मजबूत हैं। लेकिन हमारी टीमों में इन सबकी कमी है।’’ उन्होने पुराने दौर के खिलाड़ियों को याद करते हुये कहा ‘‘सभी लोग यह कह रहे हैं कि भारतीय टीम ओलंपिक में पदक जीतेगी लेकिन मेरा सवाल है कि कैसे? ध्यानचंद चांद की रोशनी में अभ्यास किया करते थे और बहुत सारे खिलाड़ी बहुत मेहतन करते थे। लेकिन आप मुझे वर्तमान टीम के किसी एक खिलाड़ी का नाम बता दीजिए जिसमें खेल को लेकर इस हद तक जुनून और पागलपन भरा हो।’’


वर्ष 1976 के ओलंपिक में टीम के मैनेजर रहे भोला ने कहा ‘‘खिलाड़ियों को पेनल्टी कार्नर के अवसरों को गोल में बदलने पर खास मेहनत करने की जरुरत हैं। इसक साथ ही मैच के अंतिम समयों में आराम की मुद्रा में आ जाने की आदत को भी सुधारने की जरुरत है।’’ 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News