आप करते हैं जानवरों से ऐसा व्यवहार, तो आपका जीवन बदल सकती है ये कहानी

punjabkesari.in Saturday, Nov 14, 2015 - 03:29 PM (IST)

बादशाह सुल्तान एक बार वन की सैर को निकले। उन्हें शिकार अत्यंत प्रिय था। सांझ के समय वे सूर्यास्त का दृश्य देख रहे थे कि उन्हें लगा कि टीले पर कोई जानवर बैठा है तो उन्होंने तुरन्त निशाना साध कर उस पर तीर छोड़ा। तीर लगते ही एक जोर की चीख सुनाई पड़ी। चीख सुन सुल्तान कांप उठे, क्योंकि यह एक मनुष्य की चीख थी। उन्होंने पास जाकर देखा कि एक बालक तीर से घायल हो कर पीड़ा से छटपटा रहा है। कुछ ही समय में उसका मजदूर पिता भी वहां आ गया। अपने पुत्र की यह हालत देख कर वह बेहाल हो गया।

सुल्तान ने बालक का शीघ्र उपचार कराया और उसके बाद दो थाल बालक के पिता के लिए मंगवाए। एक में अशरफियां और दूसरे में तलवार रखी थी। सुल्तान मजदूर से बोले, ‘‘मैंने जानवर समझ कर तीर छोड़ा था, परन्तु वह गलती से तुम्हारे पुत्र को लगा, किंतु तब भी तीर चलाने के कारण दोष मेरा है। तुम चाहो तो अशरफियां लेकर इस भूल को माफ कर दो, अन्यथा यदि मुझे माफी का हकदार न पाओ तो मेरा सिर तलवार से कलम कर दो।’’
 
सुल्तान की न्यायप्रियता देख कर मजदूर दंग रह गया। उसने कहा, ‘‘हजूर! मुझे दोनों में से कुछ नहीं चाहिए, केवल आप यह भूल दोबारा न करें। आप निरीह प्राणियों का वध करना छोड़ दें।’
 
बादशाह ने उस दिन के बाद से शिकार करना छोड़ दिया।

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