सैक्स और विकलांगता से जुड़ी कुछ हैरान करती सच्चाइयां (PICS)

punjabkesari.in Tuesday, Sep 15, 2015 - 01:08 PM (IST)

हर इंसान के मन में प्यार और रिश्ते को लेकर अपनी अलग ही भावनाएं होती है। पार्टनर बनाने  और उसके साथ शारीरिक सुख भोगने की इच्छा भी हर किसी की होती है। भले ही वह व्यक्ति शारीरिक असमर्थताओं से ही क्यों न जूझ रहा हो। कहीं न कहीं लोगों की सोच विकलांगता को लेकर यह है कि वह लोग सैक्स करने में कभी सक्षम नहीं हो सकते। आज भी इस बारे में कुछ गलत धारणाएं प्रचलित हैं यह मिथ्स गलत हैं। 

मिथ्या 1: लोगों का मानना है कि विकलांग लोग सैक्स नहीं कर सकते

लेकिन यह सच नहीं है। वह भी आम लोगों की तरह सैक्स कर सकते हैं। उनकी इच्छाएं भी आम लोगों की तरह ही होती हैं। 

मिथ्या 2: सारे विकलांग वर्जिन ही होते हैं।

यह जरूरी नहीं है कि शारीरिक असमर्थता से जूझ रहे व्यक्ति ने कभी सैक्स नहीं किया होता, इसलिए किसी विकलांग व्यक्ति को वर्जिन मान लेना गलत है।

मिथ्या 3: अपाहिज लोगों को प्यार और सैक्स की जरूरत नहीं

अपाहिज होने का मतलब यह नहीं कि उसे बिलकुल भी प्यार और सैक्स की जरूरत नहीं है। उन्हें भी प्यार करने और पाने का उतना ही हक है, जितना किसी आम इंसान का।

मिथ्या 4: विकलांग केवल विकलांग से ही रिश्ता रख सकते हैं।

मानव सम्बन्ध हमेशा थोड़े जटिल होते हैं, फिर चाहे वो संबंध किसी हष्ट-पुष्ट व्यक्ति का हो या विकलांग व्यक्ति का। विकलांगता का रिश्तों में योगदान से कोई नाता नहीं है। संबंधों का आधार हमेशा आदर और विश्वास और प्यार होता है।

मिथ्या 5: विकलांगों को सैक्स संक्रमण नहीं हो सकता। 

सैक्स संक्रमित रोग किसी को भी हो सकता है। चाहे वो विकलांग ही क्यों न हो। जरूरी हैं कि संबंध बनाते समय वह  कंडोम इत्यादि का इस्तेमाल करें।

मिथ्या 6: विकलांगों के सैक्स शिक्षा की ज़रूरत नही।

सैक्स शिक्षा सबके लिए ज़रूरी है, अपने आपको सेक्स संक्रमित रोग और अनचाहे गर्भ से बचाने के लिए उन्हें भी इस बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।

मिथ्या 7: विकलांगों को बच्चे नहीं पैदा करने चाहिए।

विकलांग लोग भी अच्छे माता पिता बन सकते हैं। यह संभव है कि उन्हें कुछ अवसरों पर किसी दूसरे की थोड़ी मदद की ज़रूरत पड़े, लेकिन यह ज़रूरत तो किसी को भी हो सकती है।


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