रेरा एक्ट- 75 फीसदी प्रॉपर्टी ब्रोकर्स का मंदा होगा धंधा

punjabkesari.in Wednesday, May 31, 2017 - 02:24 PM (IST)

नई दिल्लीः एक मई से रियल एस्टेट एक्ट (रेरा) 2016 लागू होने के बाद से छोटे ब्रोकर्स का टिके रहना मुश्किल हो गया है, कारोबार में बने रहने के लिए उन्हें स्टेट एजेंसियों को सही जानकारी मुहैया कराना अनिवार्य कर दिया है। इसके चलते अगले 3 साल में करीब 75 फीसदी छोटे ब्रोकर्स का कारोबार बंद होने की संभावना है। बड़े ब्रोकर्स के लिए यह कारोबार अब आसान हो गया है, क्योंकि उन्हें स्थानीय एजेंट्स के ऑफ रिकॉर्ड कारोबार से राहत मिलेगी। 

छोटे ब्रोकर्स का भविष्य अंधेरे में
रिएल एस्टेट एजेंट बॉडी नैशनल एसोसिएशन ऑफ रिएलटीयर्स इंडिया (एनआरए के अनुसार कुल ब्रोकर्स में से 75 फीसदी का कारोबार आगामी 3 सालों में बंद हो सकता है, क्योंकि रिएल एस्टेट बाजार में विनियामक सुधार बढ़ेगा। परिसंघ ऑफ रिएल एस्टेट ब्रोकर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार स्थानीय रिएल एस्टेट एजेंटों का लगभग 50 फीसदी का अस्तित्व खतरे में है। इस क्षेत्र में अधिक प्रतिस्पद्र्धी और अनुपाल विकसित होने का रास्ता खुला है। 

ब्रोकरेज फर्मों की संख्या 5 लाख तक सीमित 
नई प्रणाली नान सीरियस रिएल एस्टेट एजेंटों को बाहर निकाल देगी। 2020 तक ऐसे एजेंटों की संख्या 20 लाख से घटकर 5 लाख तक सीमत हो जाएगी। रेरा के चलते ब्रोकरेज फर्मों के बीच एकीकरण की एक श्रृंखला को बढ़ावा भी मिलेगा। रेरा लागू होने से नॉन सीरियस रिएल एस्टेट एजेंटों की फर्मों को पंजीकरण होना मुश्किल होगा क्योंकि उन्हें कारोबार के आकार के अनुसार शुल्क देना होगा। हालांकि बड़े खिलाडिय़ों को इसका लाभ मिलेगा।

गलत जानकारी देने के लिए माने जाएंगे जिम्मेवार 
रेरा के अंतर्गत आने वाले सभी संपत्ति के दलालों को उनके राज्यों में रियल एस्टेट नियमों के साथ खुद को पंजीकृत कराना होगा। उन्हें किसी भी परियोजनाओं के बारे में गलत जानकारी देने के लिए जिम्मेवार माना जाएगा। यदि वे नियमों की पालना में विफल होते हैं तो उन्हें कुल संपत्ति लागत का 5 फीसदी तक का जुर्माना देना होगा। 


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