चीन में होता है कैदियों के अंगों से अवैध ऑर्गन ट्रांसप्लांट

punjabkesari.in Monday, Sep 11, 2017 - 04:48 PM (IST)

बीजिंगः चीन में अभी भी ऑर्गन ट्रांसप्लांट के कुछ मामलों में मारे और फांसी चढ़ाए गए कैदियों के अंग लगाए जा रहे हैं। ये कहना था चीन के पूर्व उप स्वास्थ्य मंत्री हुआंग जे का। हुआंग को हाल ही में अवैध अंग तस्करी रोकने के लिए वेटिकन में आयोजित एक सम्मेलन में शामिल होने का आमंत्रण दिया गया था। मानवाधिकार कार्यकर्ता और मेडिकल एथिक्स विशेषज्ञ इस सम्मेलन में चीन को शरीक किए जाने का विरोध कर रहे हैं। आरोप यह भी है कि कई मामलों में तो कैदी के पूरी तरह से मरने से पहले ही उसके अंग निकाल लिए जाते हैं। 

हुआंग ने अपने खिलाफ हो रहे इन विरोध प्रदर्शनों को खारिज करते हुए इस पूरे विवाद को 'बकवास' बताया। उन्होंने कहा कि चीन में कैदियों के अंगों को अन्य रोगियों में ट्रांसप्लांट करने की इजाजत नहीं है। उधर, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि भले ही आधिकारिक तौर पर चीन में इस बात की अनुमति नहीं हो लेकिन इसके बावजूद वहां ऐसे मामले होते हैं। हुआंग ने रोम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों से कहा, 'इसे लेकर चीन में सख्त मनाही है लेकिन चीन एक बड़ा देश है और इसकी आबादी भी काफी ज्यादा है। ऐसे में मैं पुख्ता तौर पर कह सकता हूं कि कई मामलों में इस कानून का उल्लंघन भी किया जाता है।'

हुआंग के इस बयान का सीधा मतलब है कि चीन में अब भी मारे जा चुके कैदियों के अंगों को ऑर्गन ट्रांसप्लांट के काम में लाया जाता है। ऐमनिस्टी इंटरनैशनल के पूर्वी एशिया के निदेशक निकोलस बी ने कहा कि चीन में होने वाले ज्यादातर ऑर्गन ट्रांसप्लांट्स में मारे गए और फांसी पर चढ़ाए गए कैदियों के अंगों का इस्तेमाल होता है। चीन में हर साल कितने कैदी मारे जाते हैं, यह आंकड़ा कभी सार्वजनिक नहीं किया जाता। 

निकोलस का अनुमान है कि यह संख्या 3,000 से 7,000 तक हो सकती है। उन्होंने कहा कि हुआंग का यह दावा कि चीन ने अब ऐसा करने पर रोक लगा दी है, संदेहास्पद है। निकोलस ने कहा, 'उन्होंने ना तो ऐसा करना बंद किया है और ना ही वे इसे बंद करेंगे। उनके यहां ट्रांसप्लांट्स के लिए मानव अंगों की जितनी मांग है, वह सप्लाइ के मुकाबले बहुत ज्यादा है।' 

निकोलस ने यह भी कहा कि डॉक्टर कब किसी व्यक्ति को मृत घोषित कर सकता है, इस बारे में WHO ने साफ नियम तय किए हुए हैं, लेकिन चीन इनका पालन नहीं करता है। कई मामलों में तो कैदियों के चिकित्सीय तौर पर पूरी तरह मरने से पहले ही उनके अंग निकाल लिए जाते हैं।

पोप फ्रांसिस अवैध अंग तस्करी को दास-प्रथा का आधुनिक संस्करण बता चुके हैं। इस सम्मेलन की शुरुआत में प्रतिभागियों ने गैरकानूनी ऑर्गन स्मगलिंग के बारे में बात की। विमर्श के दौरान बताया गया कि किस तरह जिंदगी बचाने के लिए कुछ भी कर गुजरने पर उतारू लोग सस्ती दरों पर मानव अंग खरीदने के लिए भारत, मिस्र और मेक्सिको जैसे देशों की ओर भागते हैं। 

ऑर्गन ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में हुआंग का नाम हमेशा काफी विवादित रहा है। इस सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने कहा कि अवैध मानव अंगों की तस्करी को रोकने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को एक अंतरराष्ट्रीय टास्कफोर्स बनाना चाहिए।

इसकी आलोचना करते हुए चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने हुआंग पर सवाल खड़े किए। उनका कहना था कि चीन अपने देश में ऑर्गन ट्रांसप्लांट की बड़ी मांग को पूरा करने के लिए शायद अब भी मारे गए कैदियों के अंगों का इस्तेमाल कर रहा है।


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