हौसले की मिसाल, दिव्यांग छात्रों ने दुनिया को दिखाई स्किसथ सेंस की पावर

punjabkesari.in Thursday, May 25, 2017 - 05:36 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत की पहली अक्रो योग टीम जिसमें सभी बच्चे दिव्यांग हैं। टीम का नाम योगा आर्टिस्ट ग्रुप है। इन छात्रों ने न केवल पर देश का नाम रोशन किया जबकि दुनिया को दिखाया स्किसथ सेंस का कमाल।

अन्य बच्चों से हैं कुछ खासः हेमंत शर्मा
इन बच्चों को एक्रोबेटिक सिखाने वाले हेमंत शर्मा बताते हैं कि पहले उन्हें लगा ही नहीं कि यह बच्चे भी एक्रोबेटिक कर सकते हैं। चार साल पहले जब वह यहां आए थे तब इन्हें बस ध्यान और आसन सिखाया करते थे, इन बच्चों की अन्य सामान्य बच्चों की तुलना में जल्द सीखने की आदत को देखते हुए उन्होंने यूं ही इन्हें एक्रोबेटिक सिखाया और रिजल्ट आज सबके सामने है।

दुनिया की दिखाई स्किसथ सेंस की पावर
अखिल भारतीय नेत्रहीन संघ, रघुबीर नगर एवं ऐस डी पब्लिक स्कूल, पीतम पूरा के इन बच्चों ने ना सिर्फ एक्रोबेटिक योगा में अपनी दिव्यांगता के बावजूद महारत हासिल कर ली बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान हासिल करके दुनिया को बता दिया कि दिव्यांगों की छठी इंद्री (छठा सेंस) उनकी सारी कमी पूरी कर देती है।
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आपसी तालमेल और समझ ज़रूरी
एक्रोबेटिक योगा में दो लोगों का आपसी तालमेल और समझ बहुत ज़रूरी होती है। एक दूसरे पर आंख बंद करके भरोसा करना होता है, तभी योगा के वह स्टैप किए जाते हैं जो दांतो तले उंगलियां दबाने को मजबूर कर दें। भारत में बहुत सी एक्रोबेटिक योगा की टीमें आपने देखी होंगी जो एक दुसरे की मदद से अलग अलग तरह की मीनारें आपके सामने चुटकियों में प्रस्तुत कर देते हैं। मगर यही एक्रोबेटिक योगा जब कोइ बिना देखे करे तो आसान सी दिखने वाली मीनारें बहुत मुश्किल हो जाती हैं।

जल्द colurs टेलिविज़न पर आएंगे नजर
ये बच्चे फर्स्ट नेशनल एक्सीलेंस अवॉर्ड, अनमोल अवॉर्ड के साथ साथ फर्स्ट योगा ओपन नेशनल चैम्पियनशिप, मेरी आवाज सुनो, दिल्ली स्टेट योगा चैम्पियनशिप जैसी बहुत सी प्रतियोगिताओं में सामान्य वर्ग के छात्रों को भी कड़ी टक्कर दे चुके हैं। सबसे खास बात है कि ये बच्चे दूरदर्शन के शो मेरी आवाज़ सुनो का भी हिस्सा रह चुके हैं और ''इंडिया बनेगा मंच'' जो colurs टेलिविज़न पर आएगा उसका भी हिस्सा बने हैं।


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