EPCA की सलाह, जब प्रदूषण बढ़े तो डीजल वाहनों पर लगे रोक

punjabkesari.in Tuesday, Nov 14, 2017 - 02:26 PM (IST)

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त पर्यावरण प्रदूषण निरोधक और नियंत्रण अधिकरण (ईपीसीए) ने दिल्ली की आबोहवा में सुधार के लिए आज सुझाव दिए। अधिकरण के कहा कि प्रदूषण के आपात स्थिति में पहुंचने पर दिल्ली-एनसीआर में सभी डीजल वाहन, कोयला आधारित थर्मल पावर प्लांट बंद कर देने चाहिए। ईपीसीए ने महसूस किया पंजाब-हरियाणा में पराली जलाना ही सर्दियों में प्रदूषण का एक मात्र कारण नहीं है। इसलिए दिल्ली-एनसीआर में कोयला आधारित थर्मल प्लांट, सभी डीजल वाहन पर रोक, उद्योग बंद करने से जैसे आपात उपाय ग्रेनेड रिस्पॉन्स कार्ययोजना में शामिल किए जाने चाहिए। इसके साथ ही वाहनों पर ऐसे स्टिकर लगाए जाएं, जिन पर वाहन में इस्तेमाल हो रहे ईंधन व उनकी आयु का उल्लेख हो।

इस बीच, दिल्ली सरकार ने एनजीटी में याचिका दायर कर सम-विषम से महिलाओं और दोपहिया वाहनों को छूट देने की मांग की। इस पर एनजीटी में मंगलवार को सुनवाई होगी। उच्चतम न्यायालय ने पराली जलाने व धूल से होने वाले प्रदूषण पर अंकुश के लिए दायर याचिका पर केंद्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली व पंजाब सरकार को नोटिस जारी किए। दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी आज दिल्ली यातायात पुलिस और दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग से यह जांच करने के लिए कहा कि दिल्ली की सड़कों पर चलने वाले वाहन प्रदूषण मानकों के अनुकूल हैं या नहीं। अदालत ने कहा कि नियमों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। दिल्ली सरकार ने पवन हंस व कें द्र सरकार के सभी संबंधित विभागों से हेलीकॉप्टर के जरिये कृत्रिम बारिश से प्रदूषण कम करने की संभावना के बारे में बात की। इस प्रदूषण का असर पाकिस्तान के पंजाब में भी है।


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