Women's Day: ये हैं राजनीति की पॉवरफुल वुमन लीडर्स, जिनकी अलग है धाक

punjabkesari.in Thursday, Mar 08, 2018 - 12:32 PM (IST)

नेशनल डेस्कः 8 मार्च पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। अब समय काफी बदल गया है, पहले पर्दे के पीछे रह कर महिलाएं काम करती थी लेकिन अब महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां महिलाओं ने अपनी पहचान न बनाई हो। राजनीति की बात करें तो देश के कई बड़े पदों पर आज महिलाएं आसीन है और उन्होंने अपनी एक अलग छवि लोगों के दिलों में छोड़ी है। आइए आपको बताते हैं ऐसी ही पॉवरफुल वुमन लीडर्स के बारे में जो कई बड़ी जिम्मेदारियां निभा रही हैं।
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सुषमा स्वराज
भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अपने नम्र स्वभाव और लोगों की मदद को हमेशा तत्पर रहती हैं। वे 2009 में भारत की भाजपा द्वारा संसद में विपक्ष की नेता चुनी गई थीं। वे दिल्ली की मुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं। अंबाला छावनी में जन्मी सुषमा ने एस.डी. कॉलेज अंबाला छावनी से बी.ए. तथा पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से कानून की डिग्री ली। साल 2014 में उन्हें भारत की पहली महिला विदेश मंत्री होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है, जबकि इसके पहले इंदिरा गांधी दो बार कार्यवाहक विदेश मंत्री रह चुकी हैं। सुषमा स्वराज की एक्टिवनैस के लोग भी कायल है। भले ही फिर कोई विदेश में बैठा मदद के लिए ट्वीट करे या पाकिस्तान में, सुषमा ने कभी भी किसी को निराश नहीं किया। उन्होंने न केवल मददगारों के ट्वीट का जवाब दिया बल्कि हरसंभव कार्रवाई भी की।
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निर्मला सीतारमण
निर्मला सीतारमन भारत की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री हैं, हालांकि इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए अतिरिक्त कार्यभार के रूप में यह मंत्रालय संभाला था। निर्मला सीतारमण भी काफी एक्टिव मंत्री हैं। रक्षा मंत्री का पदभार संभालते ही उन्होंने तीनों सेनादलों का निरीक्षण किया था। रक्षा मंत्री बनने से पहले वे भारत की वाणिज्य और उद्योग (स्वतंत्र प्रभार) तथा वित्त व कारपोरेट मामलों की राज्य मंत्री रह चुकी हैं। निर्मला सीतारमन 2003 से 2005 तक राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्या रह चुकी हैं।
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सोनिया गांधी
भारतीय राजनीति में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी सबसे ताकवर शख्सियतों में से एक मानी जाती हैं। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष के पद को बाखूबी निभाया। इटली में जन्मी सोनिया गांधी ने राजनीति की बारीकियां अपनी सास इंदिरा गांधी और पति राजीव गांधी से सीखीं। पूर्व सोनिया गांधी ने अपने पति और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद बच्चों की खातिर राजनीति से दूरी बना ली थी लेकिन 1996 में कांग्रेस की डूबती नैय्या को पार लगाने के लिए वे एक बार फिर इसमें सक्रिय हुई और पार्टी की कमान संभाली। भले ही सोनिया ने पार्टी की कमान अपने बेटे राहुल गांधी को सौंप दी है लेकिन पार्टी में आज भी उनकी जगह खास है।
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सुमित्रा महाजन
लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन इस पर आसीन होने वाली भारत की दूसरी महिला हैं। इससे पहले मीरा कुमार पहली लोकसभा स्पीकर रह चुकी हैं। 72 वर्षीय सुमित्रा महाजन आठ बार से लोकसभा सांसद हैं। सुमित्रा महाजन को प्यार से ‘ताई’ बुलाते हैं और वह अपने सहृदय स्वभाव के लिए जानी जाती हैं। हर दल में उनके मित्र और प्रशंसक हैं। 12 अप्रैल 1943 को महाराष्ट्र के चिपलुण में जन्मी सुमित्रा के पिता संघ प्रचारक थे। 1989 में प्रकाशचंद्र सेठी के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। अटल बिहारी वाजपेयी की राजग सरकार में वे राज्यमंत्री भी रह चुकी हैं।
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स्मृति ईरानी
स्मृति ईरानी की राजनीति से लेकर टीवी पर अपनी अलग ही पहचान है। टेलीविजन की बहू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुंहबोली छोटी बहन स्मृति ईरानी केंद्रीय सूचना प्रसारण और कपड़ा मंत्री हैं। टेलीविजन धारावाहिक ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में ‘तुलसी’ का किरदार निभा वह हर घर की लाडली बहू बन गई थी। कई लोग तो आग भी उन्हें तुलसी के नाम से ही बुलाते हैं। उन्होंने 2003 में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की और दिल्ली के चांदनी चौक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा। हालांकि वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल से हार गईं। इसके बाद  2014 में स्मृति ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास के खिलाफ अमेठी संसदीय सीट से चुनाव लड़ा और उन्हें कड़ी चुनौती दी। यद्यपि वे यह भी चुनाव हार गईं, लेकिन राज्यसभा की सदस्य होने के नाते उन्हें भारत सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री बनाया गया। बाद में उन्हें सूचना प्रसारण और कपड़ा मंत्रालय सौंपा गया।
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वसुंधरा राजे
वसुंधरा राजे राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री हैं। 1987 में वे राजस्थान भाजपा की उपाध्यक्ष बनी। राजनीति में उनकी मेहनत और कार्यशैली को देखते हुए 1998-1999 में अटल बिहारी वाजपेयी मंत्रिमंडल में राजे को विदेश राज्यमंत्री बनाया गया। 2003 से वे सीएम पद पर आसीन हैं।
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मायावती
दलित राजनीति की पुरोधा भारतीय राजनीति में अपना दखल रखने वाली इस दलित महिला नेता ने चार बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की बागडोर संभाली। 1977 में कांशीराम के सम्पर्क में आने के बाद उन्होंने एक पूर्ण कालिक राजनीतिज्ञ बनने का निर्णय ले लिया। कांशीराम के संरक्षण के अन्तर्गत वे उस समय उनकी कोर टीम का हिस्सा रहीं, जब सन् 1984 में बसपा की स्थापना हुई थी। अपनी बेबाक बयानबाजी और रौबदार छवि के कारण मायावती की यूपी की राजनीति में अलक ही धाक है।
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ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का राजनीतिक सफर बड़ा ही उम्दा रहा है।  उनके अनुयायियों उन्हें दीदी (बड़ी बहन) के नाम से बुलाते हैं। वे अपनी सादगी के लिए जानी जाती हैं। एनडीए की सरकार में ममता रेल मंत्री भी रह चुकी हैं।
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जयललिता
राजनीति की बात हो और अम्मा का जिक्र न हो तो कुछ अधूरा-सा होगा। तमिलनाडु की दिवंगत सीएम जयललिता एक लोकप्रिय अभिनेत्री थी और उन्होंने तमिल, तेलुगू, कन्नड की फिल्मों के अलावा एक हिंदी फिल्म में भी काम किया है। उन्होंने अपने शासनकाल में राज्य की जनता के लिए काफी काम किए हैं। अम्मा ने 1982 में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्ना द्रमुक) की सदस्यता ग्रहण करते हुए एम.जी. रामचंद्रन के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी।
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प्रतिभा पाटिल
प्रतिभा देवी सिंह पाटिल जुलाई 2007 में भारत की पहली महिला राष्ट्रपति बनी थीं। पाटिल ने 27 वर्ष की अवस्था में 1962 में राजनीतिक जीवन का प्रारंभ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के भूतपूर्व मुख्यमंत्री यशवंत राव चव्हाण की देखरेख में प्रारंभ किया।  1962 से 1985 तक वे पांच बार महाराष्ट्र विधानसभा की सदस्य रहीं। इस दौरान वर्ष 1967 से 1972 तक वह महाराष्ट्र सरकार में राज्यमंत्री और वर्ष 1972 से 1978 तक कैबिनेट मंत्री रहीं उन्होंने कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार संभाला। सामाजिक कार्यों में वे एक सक्रिय नेता के रूप में जानी जाती हैं।


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