चिदम्बरम पिता-पुत्र के पीछे क्यों पड़ी है सरकार

punjabkesari.in Sunday, Mar 11, 2018 - 08:36 AM (IST)

नेशनल डेस्कः इसमें कोई शक नहीं है कि सारी सरकारी मशीनरी आजकल पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम व उनके पुत्र कार्ति के पीछे पड़ी हुई है। आई.एन.एक्स. मीडिया मामला 2006 से 2008 तक उस समय का है जब पी. चिदम्बरम केन्द्रीय वित्त मंत्री थे। 20:80 की सोने की आयात योजना एक पुराना मामला है व अब तक इस संबंधी किसी पर भी कोई आरोप नहीं लगा था। सत्य यह है कि 7 निजी कम्पनियों जिसमें मेहुल चोकसी की कम्पनी भी शामिल थी, को इस योजना अंतर्गत 15 मई, 2014 को पी. चिदम्बरम ने सोने के आयात की आज्ञा दी थी। उसके अगले दिन ही लोकसभा के चुनावों के नतीजों का ऐलान होना था।

पी. चिदम्बरम को चाहिए था कि वह यह फैसला आने वाली अगली सरकार पर छोड़ देते। यहां तक कि रविशंकर प्रसाद ने भी 20:80 सोना योजना संबंधी भ्रष्टाचार के कोई भी आरोप नहीं लगाए। इस योजना को मोदी सरकार ने उसी वर्ष अर्थात 2014 के नवम्बर महीने में रद्द करदिया था। अगस्त, 2013 में सोने के आयात पर पाबंदियां लगाई गई थीं क्योंकि करंट अकाऊंट डैफिसिट (सी.ए.डी.) 4.7 बिलियन डालर तक आ गया था। योजना यह थी कि ज्यूलर्स जितना सोना एम.एम.टी.सी./एस.टी.सी. से खरीदेंगे उसका 20 प्रतिशत हिस्सा आयात कर सकेंगे। तब सोने की इम्पोर्ट ड्यूटी 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दी गई थी। ऐसा करने से सी.ए.डी. एक साल के अंदर ही 1.5 बिलियन डालर तक पहुंच गया।

15 मई, 2014 को चिदम्बरम ने प्राइवेट व्यापारियों को सोने के सीधे आयात की आज्ञा दी व इस संबंधी फाइल को एक दिन में ही 9 अधिकारियों ने क्लीयर किया। ई.डी. व सी.बी.आई. रोजाना वित्तीय व गृह मंत्रालय की फाइलों पर पड़ी धूल को हटाने में लगी हुई हैं ताकि पी. चिदम्बरम के खिलाफ कोई पक्का सबूत प्राप्त हो सके। ऐसा क्यों हो रहा है? अब पता लगा है कि आर.एस.एस. के एक प्रमुख नेता एस. गुरुमूर्थि ने आर.एस.एस. व सरकार को कहा है कि पी. चिदम्बरम को जरूर पकड़ा जाना चाहिए क्योंकि वह चिदम्बरम ही हैं जिन्होंने गृह मंत्री होते हुए बयान दिया था कि आर.एस.एस. एक भगवा दहशत है।

गुरुमूर्थि की संघ परिवार में अच्छी पहचान है। गुरुमूर्थि के संघ में मौजूद व्यक्तियों ने कहा कि मोदी सरकार ने किसी भी कांग्रेसी नेता को जेल में नहीं भेजा, चाहे वह राबर्ट वाड्रा हों या वीरभद्र सिंह। पी. चिदम्बरम के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जाती जबकि उन्होंने भाजपा के प्रधान अमित शाह को जेल भिजवाया था व आर.एस.एस. की नेता साध्वी प्रज्ञा एवं अन्य के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करवाए थे। इस पर अंतिम फैसला किया गया कि पी. चिदम्बरम के खिलाफ कार्रवाई की जाए क्योंकि वह कांग्रेस में एक आसान निशाना हैं।


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