आखिरी रणनीति में जुटीं पार्टियां, कहीं डिनर डिप्लोमेसी तो कहीं बैठक के बहाने एकजुटता

punjabkesari.in Thursday, Mar 22, 2018 - 01:35 PM (IST)

लखनऊ,(रंजीव): उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की दस सीटों के लिए 23 मार्च को हो रहे चुनाव सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दलों के बीच प्रतिष्ठा की जबरदस्त जंग में तब्दील हो गया है। संघर्ष उस दसवीं सीट के लिए है जिसके लिए किसी पाले के पास जरूरी वोट नहीं हैं। लिहाजा बैठकों के दौर, डिनर डिप्लोमेसी, क्रॉस वोटिंग की आहट और विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों से लखनऊ की सियासत बुधवार को पूरे दिन सरगर्म रही। इतना तय है कि चुनाव से पहले के आखिरी दिन यानी वीरवार को शह-मात की कोशिशें और परवान चढ़ेंगी जबकि ‘कत्ल वाली रात’ को विधायकों का पाला बदलवा कर अपने प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने की हर मुमकिन कोशिशें परवान चढ़ेंगी।

भाजपा विधायकों की बैठक में सपा के नितिन अग्रवाल भी पहुंचे
देर शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर भाजपा विधायकों की बैठक में सपा के नितिन अग्रवाल भी पहुंचे। उनके पिता नरेश अग्रवाल हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं। सपा के खेमे से एक विधायक को अपनी ओर कर लेने के अलावा भाजपा दो निर्दलीय विधायकों को साथ लेने में भी कामयाब रही है। यानी भाजपा के 28 वोटों के साथ इन तीन को जोडऩे पर जीत के लिए जरूरी 37 में से 31 वोटों का बंदोबस्त भाजपा ने फिलहाल कर लिया है। बाकी की चार वोट वह विपक्षी दलों में सेंध लगाकर हासिल करना चाहती है। यदि उसने विपक्ष को जीत के लिए जरूरी 37 वोटों यानी पहली वरीयता के पूरे वोट से कुछ कम पर रोक दिया तो फिर नतीजा दूसरी वरीयता के वोटों पर निर्भर करेगा। वैसे में भाजपा को लाभ मिलेगा। वहीं विपक्ष इस कोशिश में है कि पहली वरीयता के वोटों से ही अपने उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करवा ली जाए।  

रात्रि भोज में शिवपाल सिंह यादव ने पहुंच कर सबको चौंका दिया
उधर विपक्ष की तैयारियों के तहत सपा की ओर से एक पांच सितारा होटल में दिए गए रात्रि भोज में शिवपाल सिंह यादव ने पहुंच कर सबको चौंका दिया। भोज में मौजूद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने चाचा के पैर भी छुए। शिवपाल के भोज में शामिल होने से इसकी संभावना बढ़ गई है कि वे और सपा में उनके समर्थक विधायक अब पार्टी लाइन के मुताबिक वोट करेंगे। गौरतलब है कि दिन में सपा मुख्यालय पर विधायकों के साथ अखिलेश की बैठक में शिवपाल समेत सात विधायक नहीं पहुंचे थे। हालांकि रात्रि भोज में शिवपाल समेत ज्यादातर आए। जो नहीं पहुंचे उनके बारे में सपा के रणनीतिकारों का दावा है कि उनसे फोन पर बात हो चुकी है। वे कल यानी गुरुवार को आएगे और वोट विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार को ही करेंगे। बसपा और कांग्रेस ने भी अपने विधायकों की कल बैठक बुलाई है। चूंकि राज्यसभा का यह चुनाव गोरखफुर और फूलपुर में भाजपा की हार के तुरंत बाद हो रहा है लिहाजा सत्तारूढ़ पार्टी हर मुमकिन कोशिश कर रही है कि राज्यसभा के चुनाव में विपक्ष के साझा प्रत्याशी बसपा के भीमराव अंबेडकर को हराकर अपने उम्मीदवार अनिल अग्रवाल की जीत तय करवा दे। वहीं संयुक्त विपक्ष इस कोशिश में है कि भाजपा के नवें उम्मीदवार को हरा कर उसे एक झटका और दे।


 


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