सुनंदा पुष्कर मामला: जरूरत से ज्यादा दिलचस्पी से गहराया शक

punjabkesari.in Tuesday, Mar 13, 2018 - 11:02 AM (IST)

नई दिल्ली (संजीव यादव) : दिल्ली पुलिस के लीक हुए सीके्रट दस्तावेज से सवाल सीधे ’वाइंट सीपी पर उठे हैं। आरोप है कि उन्होंने इस केस में जरूरत से ’यादा दिलचस्पी दिखाई और कई सबूतों को अनदेखा किया। आरोप ये भी है कि उन्होंने एसडीएम आलोक शर्मा की रिपोर्ट को छिपाया और दिल्ली के आलाधिकारियों को मैनेज किया। इसी पर जब पुलिस अधिकारी विवेक गोगिया से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने चुप्पी साध ली। 

स्वामी लगातार करते रहे हैं कोर्ट से अपील
बता दें कि इस केस में बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी लगातार कोर्ट से अपील करते रहे हैं कि दिल्ली पुलिस केस में कुछ छिपा रही है, क्योंकि सुनंदा की हत्या हुई थी, उसने आत्महत्या नहीं की थी। स्वामी ने कोर्ट में याचिका भी डाली हुई है, जिस पर हाईकोर्ट सख्त है और लगातार दिल्ली पुलिस को फटकार लगा रही है। लेकिन, उसके बाद भी अब तक केस में दिल्ली पुलिस चार्जशीट नहीं दे सकी है। जानकारी के मुताबिक, 17 जनवरी 2014 को जब सुनंदा की रहस्यमयी मौत हुई तो उसकी जांच के लिए आलाधिकारी मौके पर पहुंचे। उनमें ज्वाइंट सीपी विवेक गोगिया भी थे।उन्होंने स्वयं इस केस को लीड किया। मामले में जब एसडीएम ने कुछ आपत्ति उठाई और बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने हस्तक्षेप किया तो मामले को क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया।  सूत्रों के मुताबिक, इसी बीच एक ज्वाइंट सीपी स्तर के अधिकारी ने केस में हस्तक्षेप किया और महज 4 घंटे के भीतर इस केस को वापस साऊथ दिल्ली जोन में ट्रांसफर करा दिया व एसडीएम आलोक शर्मा की रिपोर्ट दबा दी। यही नहीं, जब मामले में तत्कालीन कमिश्नर बीएस बस्सी ने रिपोर्ट मांगी तो इसी अधिकारी ने जांच का बहाना बनाया और उनके सवालों को टाल दिया। जानकारी ये भी है कि जब क्राइम ब्रांच की टीम मौके का मुआयना करने पहुंची तो यही शीर्ष अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने क्राइम ब्रांच को तुरंत वापिस जाने को कहा। यही नहीं, उनके द्वारा की गई जांच के सभी तथ्यों को अपने कार्यालय में जमा करवा लिया। 

कब-कब क्या हुआ
-17 जनवरी 2014 को होटल लीला में सुनंदा का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था। जनवरी 2017 को शाम 5.46 बजे वह इस होटल में पहुंची थी। पहले उन्हें कमरा नंबर-&07 दिया गया था, लेकिन अगले दिन 16 जनवरी 2017 की दोपहर उन्हें कमरा नंबर-&45 दिया गया। 
-2014 में सुधीर गुप्ता ने आटोप्सी रिपोर्ट दी थी जिसमें पॉलोनियम 210 जैसा जहर होने की संभावना जताई थी। इसके बाद जहर की पहचान के लिए बिसरा के नमूनों को फरवरी 2015 में  वाशिंगटन डीसी में एफबीआई प्रयोगशाला भेजा गया था, जिसने अपनी रिपोर्ट में स्थिति साफ नहीं की। 
-पीएम रिपोर्ट के चोट नंबर 10 और 12 पर कुछ निशान थे, जिसके तहत चोट नंबर 10 जो कि इंजेक्शन की वजह से था और चोट नंबर 12 पर दांतों के काटने के निशान थे।
-मौत के एक साल बाद दिल्ली पुलिस ने 6 जनवरी 2015 को सुनंदा पुष्कर के हत्या मामले में एफआईआर दर्ज की थी।
-इस मामले में पुलिस अब तक छह लोगों का पॉलीग्राफ  कर चुकी है, इनमें थरूर के घरेलू सहायक नारायण सिंह, चालक बजरंगी और युगल के दोस्त संजय देवगन शामिल हैं। 
-अक्तूबर 2014 में एक मेडिकल टीम ने कहा था कि सुनंदा की मौत जहर से हुई है। 

दिल्ली पुलिस ने अब तक क्या-क्या किया
-सुनंदा पुष्कर मामले की जांच सबसे पहले सरोजनी नगर पुलिस स्टेशन ने शुरू की
-जांच के लिए ज्वाइंट सीपी और साऊथ डीसीपी के नेतृत्व में बनाई गई एसआईटी
-क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल की टीम को भी लगाया गया
-जांच की तह तक पहुंचने के लिए सभी फॉरेंसिक जांच सीबीआई प्रयोगशाला में की गई
-एम्स का पैनल भी बनाया गया
-बिसरे को विदेश भी भेजा गया और रिपोर्ट व सलाह ली गई
-अब तक इस केस में दिल्ली पुलिस 1 करोड़ से ज्यादा रुपए कर चुकी है खर्च


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News