झारखंड में राज्यसभा चुनाव के बाद भी खत्म नहीं घमासान, कोर्ट जाएगी BJP

punjabkesari.in Sunday, Mar 25, 2018 - 05:45 AM (IST)

नेशनल डेस्क: शुक्रवार की शाम राज्यसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सियासी लड़ाई अपने चरम पर पहुंच गई है। यूपी में सपा बसपा गठबंधन बनाम बीजेपी के बाद अब झारखंड में बीजेपी दो दो हांथ करने को तैयार है। ताजा घटनाक्रम में बीजेपी झारखंड में हुए राज्यसभा चुनाव जीतने वाले कांग्रेसी सांसद के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाने वाली है। एक आपराधिक मामले में दो साल की सजा पाने वाले सिल्ली से झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक अमित महतो के राज्यसभा चुनावों में दिए गए मत को रद्द कराने और उसके आधार पर कांग्रेस के नवनिर्वाचित सांसद धीरज साहू के निर्वाचन को रद्द कराने के लिए झारखंड हाईकोर्ट का रूख करने वाली है। बीजेपी इसके लिए हाईकोर्ट के लिली थॉमस मामले में दिए गए दस जुलाई, 2013 के आदेश को आधार बनाएगी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला
झारखंड प्रदेश बीजेपी के महामंत्री दीपक प्रकाश ने इस बात पर जोर दिया कि जब सुप्रीम कोर्ट के दस जुलाई, 2013 के उक्त आदेश के आलोक में दो साल और उससे अधिक की अवधि के लिए किसी भी आपराधिक मामले में सजा पाने वाले सांसद या विधायक की सदस्यता खुद ही समाप्त हो जाती है तो राज्यसभा चुनावों में झामुमो विधायक अमित महतो द्वारा कांग्रेस के उम्मीदवार धीरज प्रसाद साहू को दिया गया मत कैसे वैध माना जा सकता है?

झारखंड में साहू के निर्वाचन को चुनौती देंगे
दीपक प्रकाश ने कहा कि पार्टी ने तय किया है कि झारखंड में दो सीटों के लिए हुए राज्यसभा चुनावों में उसके .01 मत से शुक्रवार को पराजित दूसरे उम्मीदवार प्रदीप सोंथालिया झारखंड हाईकोर्ट में साहू के निर्वाचन को चुनौती देंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी उच्च स्तर पर कानूनी सलाह ले रही है और शीघ्र ही झारखंड हाईकोर्ट में साहू के चुनाव को चुनौती दी जाएगी। शुक्रवार मध्य रात्रि के बाद लगभग सवा बारह बजे निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार सिंह ने झारखंड की दो राज्यसभा सीटों के चुनाव परिणाम घोषित किए थे जिसमें वैध पड़े 78 मतों में से 26.01 मत हासिल कर बीजेपी के अधिकृत उम्मीदवार समीर उरांव निर्वाचित हुए थे जबकि 26.00 मत हासिल करने वाले विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार कांग्रेस के धीरज प्रसाद साहू को भी निर्वाचित घोषित किया गया था।

कांग्रेस के पक्ष में आया परिणाम पलट सकता है
बीजेपी के दूसरे उम्मीदवार प्रदीप सोंथालिया को 25.99 मत प्राप्त हुए थे जिसके चलते वह .01 मत से चुनाव हार गए थे। अब यदि न्यायालय अमित महतो की विधानसभा सदस्यता को 23 मार्च की तिथि से ही समाप्त मान लेता है तो उनके द्वारा कांग्रेस के उम्मीदवार के पक्ष में दिए गए मत की गणना अवैध हो जाएगी और उनके द्वारा प्राप्त मतों की संख्या 25 रह जाएगी और राज्यसभा चुनावों में शुक्रवार को कांग्रेस के पक्ष में आया परिणाम पलट सकता है। ऐसे में बीजेपी के दूसरे उम्मीदवार प्रदीप सोंथालिया की जीत हो सकती है।


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