पोरबंदर में बोले राहुल गांधी, कांग्रेस सरकार में सुनाई देगी 'जनता के मन' की आवाज
punjabkesari.in Friday, Nov 24, 2017 - 04:15 PM (IST)
पोरबंदर: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज से गुजरात के अपने एक और चुनावी दौरे की पहली सभा में सत्तारूढ भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपने हालिया पिछले दौरों में लगाये गए अधिकतर ‘पुराने आरोपों’ की ही बौछार की और साथ ही समुद्र तटों के प्रदूषण के लिए मोदी के कथित उद्योगपति मित्रों को जिम्मेदार ठहराया।
राहुल ने फिर उठाया पुराना मुद्दा
गांधी ने यहां नवा बंदर इलाके में मछुआरों को अपने संबोधन की शुरुआत नैनो को 33 हजार करोड़ देने के गुजरात के तत्कालीन मोदी सरकार के फैसले पर हमले के साथ किया। यह मुद्दा वह गुजरात में वह पिछले तीन माह से हो रही हर सभा में उठाते रहे हैं।
Visited #KirtiMandir in #Porbandar, the birthplace of #MahatmaGandhi with CVP Sh. #RahulGandhi... #Congress_સાથે_ગુજરાત pic.twitter.com/dkMs3pldHl
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) November 24, 2017
राहुल की रैली के प्रमुख अंश
-सरकार खेती के लिए किसानों को पेट्रोल डीजल पर 300 करोड़ की सब्सिडी नहीं दे रही पर इससे बड़ी रकम उद्योगपतियों को दे रही है।
-पिछले साल 10 से 15 उद्योगपतियों को एक लाख 20 हजार करोड़ का कर्ज माफ कर देने वाली मोदी सरकार आने वाले समय में छह लाख करोड़ का कर्ज माफ करने वाली है पर गुजरात के किसानों का कर्ज माफ नहीं करती।
-नोटबंदी, जीएसटी और गुजरात में शिक्षा और स्वास्थ्य के निजीकरण, 50 लाख युवाओं की कथित बेरोजगारी आदि के अपने आरोपों को दोहराते हुए गांधी ने कहा कि मछुआरों को मछली पकड़ने के लिए दूर जाना पड़ रहा है क्योंकि बड़े उद्योगपतियों ने तटों को प्रदूषित कर दिया है।
-गुजरात में सभी बंदरगाह धड़ाधड़ उद्योगपतियों को दिए जा रहे हैं सरकार ने पिछले 15 साल में एक भी बंदरगाह नहीं शुरू किया। राज्य में पिछले 22 साल के भाजपा शासन में केवल पांच से दस उद्योगपतियों को फायदा हुआ और उन्होंने मोदी जी के लिए मार्केटिंग की। ये लोग ही मोदी जी को अखबारों में बड़े बड़े इश्तेहार लगाने के लिए पैसे देते हैं।
-गुजरात चुनाव में कांग्रेस की जीत का दावा दोहराते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि दिसंबर में चुनाव होंगे और उस चुनाव को कांग्रेस पार्टी जीतने जा रही है।
-कांग्रेस पार्टी अगर चुनाव जीतेगी तो जनता के लिए विधानसभा और मुख्यमंत्री आवास के दरवाजे खुले रहेंगे। उसमें केवल देश के पांच या दस सबसे बड़े अमीर लोगों की आवाज की बजाए जनता के मन की आवाज सुनाई देगी।