डोकलाम विवाद: अधर में PM मोदी का चीन दौरा

punjabkesari.in Friday, Aug 18, 2017 - 07:10 PM (IST)

नई दिल्ली ( ब्यूरो): सितंबर के पहले सप्ताह में चीन की मेजबानी में हो रही पांच देशों के संगठन ब्रिक्स की शिखर बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाग लेने के बारे में अनिश्चितता बनी हुई है। यहां विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस बारे में कोई टिप्पणी करने से यह कह कर मना किया कि इस बारे में उनके पास फिलहाल कोई सूचना नहीं है। 

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प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री के विदेश दौरों की घोषणा कुछ दिनों पहले की जाती है और जब उनके पास  ऐसी कोई सूचना होगी तब वह जरूर इसकी जानकारी देंगे। उल्लेखनीय है कि भूटान के दावे वाले डोकलाम इलाके में भारत और चीन के बीच सैन्य  तनातनी चल रही है और वहां भारतीय सैनिकों को इलाका खाली करने के लिए चीन की ओर से युद्ध की धमकियां दी जा रही हैं। इसके मद्देनजर भारत भी अपनी सैन्य तैयारी बढ़ा रहा है। चीनी मीडिया में भी यह आशंका जाहिर की गई है कि प्रधानमंत्री मोदी का शियामिन ब्रिक्स शिखर बैठक में भाग लेना संदिग्ध है। 
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डोकलाम विवाद के बारे में प्रवक्ता ने कहा कि हम इसके हल के लिए हम परस्पर मान्य हल खोजना जारी रखेंगे। यहां राजनयिक पर्यवेक्षकों का  कहना है कि डोकलाम में मामूली झड़प की वजह से प्रधानमंत्री मोदी का चीन दौरा मुश्किल हो जाएगा। वहां सैन्य तनाव के माहौल में प्रधानमंत्री मोदी का चीन दौरा सौहार्दपूर्ण माहौल में नहीं हो सकेगा। भारत की कोशिश है कि ब्रिक्स शिखर  बैठक के पहले डोकलाम मसला शांतिपूर्ण तरीके से सुलझ जाए। ब्रिक्स के दो साझेदार देशों के बीच सैन्य तनाव  पैदा होने से ब्रिक्स की एकता पर भी  आंच आएगी। ऐसे माहौल में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी चिन फिंग दोनों देशों के बीच परस्पर सहयोग की बातें कैसे  होगी । ऐसे शिखर सम्मेलनों के दौरान मेजबान देश और अतिथि देशों के बीच द्विपक्षीय बैठकें भी होती हैं। तनातनी के माहौल में मोदी और शी की  बैठक पर भी आंच आई तो इसका गलत संदेश जाएगा। 
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डोकलाम में चल रहे तनाव के बावजूद भारत को यह उम्मीद है कि यह मसला दोनों देशों के  बीच राजनयिक स्तर पर बातचीत से सुलझ जाएगा। इसी उम्मीद में प्रधानमंत्री मोदी की चीन के शियामन के  दौरे की पूर्ण स्तर पर तैयारी चल रही है। इस बीच विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने लद्दाख में पैंगोंग झीलके निकट दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई टकराव की घटना की पुष्टि की और कहा कि चीनी सैनिकों ने भारतीय इलाके  में घुसपैठ की कोशिश की थी। प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह की घटनाएं दोनों देशों के लिये ठीक नहीं है। सवालों के जवाब में प्रवक्ता ने बताया कि तिब्बत के इलाके से बहने वाली नदियों का पानी भारतीय इलाकों में आने के आंकड़ें इस साल अब तक चीन ने भारत से साझा नहीं किये हैं। 


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