अब तो बीत गई संसद की 13वीं भी, अविश्वास प्रस्ताव पेश नहीं होने देने का है अनोखा तरीका

punjabkesari.in Thursday, Mar 22, 2018 - 06:31 PM (IST)

नेशनल डेस्क: संसद में बजट सत्र का दूसरा भाग लगातार 13 दिनों तक बिना कार्रवाई के ही बीत गया। संभावना थी कि आज 14वें दिन बीजेपी कांग्रेस सहित अन्य दल अपना गतिरोध खत्म कर कुछ काम करेंगे। लेकिन हुआ इसके उल्टा। गुरुवार को भी संसद के दोनों सदन शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिए गए। यह एक नई परंपरा बनाई जा रही है, सत्ता पर काबिज़ किसी भी दल के लिए दो, तीन या चार सहयोगी दलों को इस बात के लिए मनाना कि वे संसद के गलियारे (वेल) तक जाकर हंगामा खड़ा करें, नारेबाजी करें, यह कोई बहुत मुश्किल काम नहीं है। संभवत: इसी दांव का इस्तेमाल फिर संसद में किया जा रहा है। ऐसे में सरकार के ख़िलाफ़ लाया जाने वाला अविश्वास प्रस्ताव बड़े ही फ़िल्मी अंदाज़ में रोक दिया जाएगा। अगर ऐसे ही चलता रहा है तो हर सरकार अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आने ही नहीं देगी। सीपीएम ने भी केंद्र सरकार बड़ा निशाना साधा है। सीपीएम ने फेसबुक पर डाटाचोरी के आरोपों सहित पिछले कुछ दिनों में उजागर हुये सरकारी गड़बड़ियों के मामलों और अविश्वास प्रस्ताव पर संसद में चर्चा से बचने का सत्तापक्ष पर आरोप लगाया है। पार्टी ने कहा कि दोनों सदनों में जारी गतिरोध के लिये विपक्ष को दोषी ठहराना गलत है।

लगातार 14 दिन स्थगित रही संसद
सीपीएम सांसद मोहम्मद सलीम ने आज संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही लगातार 14वें दिन स्थगित होने के बाद कहा कि सत्तापक्ष खुद इस स्थिति के लिये जिम्मेदार है। सलीम ने कहा ‘‘हर बीतते दिन से साफ है कि सत्तापक्ष खुद सदन नहीं चलने देना चाहता है। फेसबुक डाटा चोरी सहित सरकारी गड़बड़ियों से जुड़े नये मामले हर दिन उजागर हो रहे हैं, जिन पर सदन में चर्चा होना चाहिये, लेकिन सत्तापक्ष इससे बचने के लिये सदन नहीं चलने दे रहा है।’’
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सत्तापक्ष के सदस्य कर रहे हंगामा 
मोहम्मद सलीम ने कहा कि हर दिन मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित हो रही है। उन्होंने कहा कि दोनों सदनों की कार्यवाही का सीधा प्रसारण लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी पर होता है। इनकी फुटेज दिखा कर देश की जनता को बताया जाना चाहिये कि सदन में हंगामा करने वाले सदस्य सत्तापक्ष के हैं या विपक्षी दलों के।

डाटा चोरी मामले की होनी चाहिए जांच
मोहम्मद सलीम ने फेसबुक पर डाटा चोरी करने के कथित आरोपों के मामले में कहा कि सोशल मीडिया के मार्फत चोरी किये गये डाटा का इस्तेमाल साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी हुआ था। डिजिटल डाटा की निजता और गोपनीयता के हवाले से उन्होंने इस मामले की विस्तृत जांच कराने की मांग की।

2जी पर भी नहीं चली थी संसद
यह पहली बार नहीं है जब संसद में कामकाज नहीं हुआ है। इसके पहले भी ऐसा कई बार देखने को मिला है। सभी को याद होगा कि कैसे 2जी घोटाले को लेकर भाजपा ने सत्र नहीं चलने दिया था. साथ ही जेपीसी के गठन की मांग भी कर डाली थी। उस समय संसद ठप्प करने से करोड़ो रुपये पानी में बह गए, हैरत यह भी रही की कोर्ट ने टूजी केस में कांग्रेस नेताओं को भी क्लिन चीट दे दी। लेकिन, 16वीं लोकसभा में एक बात जो अलग है वो है संसद के भीतर की कटुता और सरकार व विपक्ष के बीच के विवाद का वो स्तर जो बातचीत की गुंजाइश ही पैदा ही नहीं होने देता। ऐसे में इन विफल संसद सत्रों के साथ न सिर्फ़ देश का पैसा डूब रहा है, बल्कि उससे कहीं ज़्यादा क़ीमती हमारे संसदीय लोकतंत्र के भविष्य को भी चोट पहुंच रही है।

बिगड़ते गए हालात
15वीं लोकसभा का हाल देखने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि 16वीं लोकसभा में हालात सुधरेंगे। शायद संसद में हंगामे और संसद ठप होने का दौर कम होगा। लेकिन एेसा कुछ नहीं हुअा और संसद में कामकाज के हालात बद से बदत्तर हाेते जा रहे हैं। संसद में एक मिनट की कार्यवाही का खर्च ढाई लाख रुपए पड़ता है। यानि एक घंटे का खर्च डेढ़ करोड़ रुपए तक अाता है। आमतौर पर राज्यसभा की कार्यवाही एक दिन में 5 घंटे चलती है, जबकि लोकसभा की कार्यवाही एक दिन में 8-11 घंटे चलती है। अगर लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर रोजाना घंटे काम हों तो सोमवार से शुक्रवार तक का खर्च बैठता है 115 करोड़। 


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