10 की साल की उम्र में भारत आया सिराज 27 साल बाद लौटा PAK, पत्नी ने ली सेल्फी

punjabkesari.in Wednesday, Mar 14, 2018 - 04:04 PM (IST)

मुंबई: करीब 10 साल की उम्र से ही भारत में अवैध रूप से रह रहे 37 साल के एक पाकिस्तानी नागरिक को वापस उसके देश भेज दिया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने आज यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तानी नागरिक सिराज खान यहां एंटॉप हिल इलाके में रह रहा था। कुछ साल पहले उसने एक भारतीय महिला से शादी की थी। इस दंपति के तीन बच्चे भी हैं। रफी अहमद किदवई मार्ग पुलिस थाने में वरिष्ठ इंस्पेक्टर भागवत बंसोड़ ने यहां बताया, ‘‘चूंकि अदालत की ओर से खान के खिलाफ चल रहे सारे मुकदमों का निपटारा कर दिया गया और हिरासत आदेश के उल्लंघन का एक मामला सरकार की ओर से वापस ले लिया गया, इसलिए 12 मार्च को उसे वापस पाकिस्तान भेज दिया गया।’’ उन्होंने बताया कि एक पुलिस टीम खान को पंजाब के अमृतसर में अटारी सीमा ले गई जहां विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय में सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उसे वापस पाकिस्तान भेज दिया गया।

पति के साथ ली सेल्फी
अधिकारी ने बताया कि भारत सरकार ने पाकिस्तानी अधिकारियों को खान को वापस भेजे जाने की सूचना दे दी थी और अनापत्ति प्रमाण-पत्र हासिल करने के बाद उसे पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंप दिया गया। पुलिस ने खान को वापस भेजे जाने के बारे में उसकी पत्नी साजिदा खान को सूचना दे दी थी। साजिदा 10 मार्च को मुंबई के बांद्रा टर्मिनस तक अपने पति को विदा करने गई थी जहां से खान के साथ पुलिस टीम ट्रेन में सवार होकर अमृतसर रवाना हुई। खान को वापस भेजे जाने से पहले साजिदा ने रेलवे स्टेशन पर अपने पति के साथ सेल्फी ली। जून 2014 में बंबई उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने खान को पाकिस्तान वापस भेजे जाने पर एक महीने की रोक लगा दी थी। न्यायालय ने उस वक्त कहा था कि चूंकि भारतीय नागरिकता के लिए खान की ओर से किया गया आवेदन विदेश मंत्रालय के समक्ष लंबित है, इसलिए मुद्दे को सुलझाए जाने तक उसे वापस भेजने पर रोक रहनी चाहिए।
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1996 में आया था भारत
खान की पत्नी ने अर्जी दायर कर अपने पति को वापस भेजे जाने पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी। उन्होंने यह मांग भी की थी कि खान को हिरासत से रिहा किया जाए क्योंकि उनके परिवार की माली और मानसिक स्थिति बदतर होती जा रही है। न्यायमूर्ति आर.एम. सावंत और न्यायमूर्ति एस.वी. कोतवाल की पीठ ने कहा कि चूंकि खान को विदेशी अधिनियम के तहत दोषी करार दिया गया है, लिहाजा उसे वापस भेजा जाना तय है। न्यायालय अर्जी पर 20 मार्च को सुनवाई करेगा। खान की पत्नी की अर्जी के मुताबिक, उसके पति 1996 में उस वक्त दुर्घटनावश भारत में प्रवेश कर गए थे जब उसकी उम्र महज 10 या 11 साल थी। बहरहाल, 2009 में उसने पाक अधिकृत कश्मीर स्थित अपने पैतृक गांव जाने की कोशिश की थी। जब अपने गांव जाने के लिए उसने पुलिस से संपर्क किया तो उसे वैध दस्तावेज दिखाने के लिए बोला गया। उन दस्तावेजों से पता चला कि वह पाकिस्तानी नागरिक है। अर्जी के मुताबिक, बाद में वैध अनुमति के बगैर भारत में रहने के आरोप में अपराध शाखा ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

6 महीने काटी जेल
छह महीने जेल की सजा काटने के बाद खान को रिहा किया गया लेकिन जनवरी 2014 में एक अदालत ने उसे विदेशी अधिनियम के तहत दोषी करार दिया और पाकिस्तान वापस भेजे जाने का आदेश दिया। इस मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद से ही वह हिरासत में था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अब खान पर निर्भर है कि वह पासपोर्ट और वीजा लेकर भारत आए या वैध दस्तावेजों के आधार पर अपनी पत्नी एवं बच्चों को पाकिस्तान ले जाए।


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