''जिहाद और आतंकवाद को स्टेट पॉलिसी के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है पाकिस्तान''

punjabkesari.in Wednesday, Sep 20, 2017 - 09:14 PM (IST)

जिनीवाः पाकिस्तान को आंतकी देश घोषित करने की भारत की मुहीम को बल मिला है। संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों के एक पैनल ने कहा है कि पाकिस्तान अपनी विदेश नीति के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जम्मू और कश्मीर जैसी जगहों पर 'जिहाद' और आतंकी संगठनों का इस्तेमाल कर रहा है। यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के स्कूल ऑफ ओरिएंटल ऐंड अफ्रिकन स्टडीज के एक्सपर्ट बर्जीन वाघमार ने कहा कि जम्मू और कश्मीर के मामले में पाकिस्तान ने हमेशा से जिहाद को अपनी विदेश नीति के हिस्से के तौर पर इस्तेमाल किया है। 

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आज भी जम्मू और कश्मीर में जिहाद को स्टेट पॉलिसी के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।वाघमार ने कहा कि 26/11 मुंबई हमले की वजह से समग्र बातचीत प्रक्रिया पटरी से उतर गई। इससे कश्मीरियों को धक्का लगा होगा। इसके लिए कश्मीरियों को पाकिस्तान को दोषी मानना चाहिए। वाघमार जिनीवा में यूरोपियन फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज (EFSAS) की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम 'दक्षिण एशिया में आतंकवाद' में बोल रहें थे। 

वाघमार ने कहा कि कश्मीर में भारतीय सैनिकों को कड़ी जांच का सामना करना पड़ता है जबकि पाकिस्तानी सेना बलूचिस्तान और नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर प्रॉविंस के गांवों में कुछ भी करने को आजाद है। उन्होंने कहा कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस और खासकर उसके उग्रवादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को अपने बलूच रिश्तेदारों के प्रति संवेदना जतानी चाहिए, जो सड़कों के किनारे अपनों के शवों को पाते हैं जिन्हें पाकिस्तान बेरहमी से खत्म कर रहा है। 

सीनियर रिसर्चर और राजनीतिक विश्लेषक प्रफेसर बोरिस विल्की ने आतंकवाद को परिभाषित करते हुए कहा कि आतंकवाद एक रणनीति है। उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया में धार्मिक कट्टरता बढ़ रही है और आतंकवाद के जरिए जिस तरह छद्म युद्ध छेड़ा जा रहा है उससे वैश्विक शांति को खतरा है। प्रफेसर विल्की ने कहा कि जम्मू और कश्मीर इसका उदाहरण है। 

प्रफेसर विल्की ने आगे कहा कि पाकिस्तान की चीन से दोस्ती का आधार राजनीतिक है न कि नैतिक। उन्होंने जोर देकर कहा कि दक्षिण एशिया के देशों के आपसी संबंधों में गर्माहट विश्व शांति के लिए जरूरत बन गई है।


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