राष्ट्रपति चुनाव पर एकजुट हुआ विपक्ष, भाजपा करेगी बात

punjabkesari.in Friday, May 26, 2017 - 07:58 PM (IST)

नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एकजुट हुए विपक्ष ने आज साफ कर दिया कि सरकार द्वारा आम सहमति नहीं बनाए जाने पर वह साझा उम्मीदवार उतारेेगी वहीं भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि उचित समय पर उससे इस बारे में बातचीत की जाएगी।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बुलावे पर एकत्र हुए 17 विपक्षी दलों के नेताओं ने राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त उम्मीदवार के बारे में गहन चर्चा की। उनमें राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव मिलकर लडऩे पर सहमति बनी लेकिन फिलहाल उन्होंने इस बारे में कोई स्पष्ट घोषणा करने की बजाय इस मामले को सरकार पर छोड़ दिया है।

विपक्षी नेताओं की राय थी कि इन चुनावों के लिए सरकार को आम सहमति बनाने की पहल करनी चाहिए जो उसने अब तक नहीं की है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो विपक्ष साझा उम्मीदवार उतारेगा। बैठक के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद तथा जनता दल यू के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने कहा कि इस मुद्दे पर विपक्ष पूरी तरह एकजुट है।

विपक्ष की ओर से जारी संयुक्त वक्तव्य में उन्होंने कहा कि यह एक सामान्य परंपरा है कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवारो के नामों पर आम सहमति बनाने के लिए सत्तारूढ पार्टी पहल करती है। इन दोनों पदों के लिए चुनाव होने वाले हैं लेकिन सत्तारूढ दल ने अभी तक ऐसी कोई पहल नहीं की है। यदि सरकार आम सहमति बनाने में विफल रहती है तो विपक्षी दल इन पदों के लिए अपने उम्मीदवार तय करेंगे। यादव ने कहा कि आम सहमति नहीं बनती है तो विपक्ष‘राजनीतिक संग्राम’के लिए तैयार है।

विपक्ष का कहना है कि इन पदों के लिए उम्मीदवार ऐसा होना चाहिए जो संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करने में सक्षम हो। सत्तारुढ़ भाजपा ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं हालांकि उसने इस पर विपक्ष से बातचीत करने से इंकार नहीं किया है। मोदी सरकार की तीसरी वर्षगांठ पर आयोजित संवाददाता समेलन में भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सिर्फ इतना कहा कि विपक्ष से उचित समय पर बात की जाएगी।

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का कार्यकाल आगामी 25 जुलाई को समाप्त हो रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें दोबारा राष्ट्रपति बनाने की बात उठाई लेकिन मुखर्जी दोबारा यह पद संभालने के इ‘छुक नहीं है।


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