राष्ट्रपति चुनाव: नीतीश ने कहा, क्या बिहार की बेटी को हारने के लिए बनाया उम्मीदवार
punjabkesari.in Friday, Jun 23, 2017 - 11:57 PM (IST)
पटना: राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से राजग के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने के जदयू के फैसले पर पुर्नविचार करने का आग्रह किया लेकिन नीतीश अपने रख पर कायम हैं।
कांग्रेस नीत विपक्ष की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार को बिहार की बेटी बताते हुए लालू प्रसाद ने दो दिन में दूसरी बार नीतीश से अपील की कि कोविंद को जदयू का समर्थन देने की ऐतिहासिक भूल को सुधारें। मीरा कुमार को विपक्ष की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनाने की घोषणा कल की गई थी। राजग के उम्मीदवार के रूप में चयन से पहले कोविंद बिहार के राज्यपाल थे। अब कोविंद और मीरा कुमार के मुकाबले को दलित बनाम दलित की लड़ाई कहा जा रहा है।
राष्ट्रपति चुनाव को टकराव का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए: नीतीश
भाकपा ने भी नीतीश कुमार और बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक से कोविंद का समर्थन करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा। लेकिन नीतीश अपने रख पर कायम हैं और उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव को टकराव का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। नीतीश ने शुक्रवार शाम लालू के आवास पर एक इफ्तार पार्टी में भाग लिया जहां लालू के पुत्र और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गर्मजोशी से मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इफ्तार पार्टी में भाग लेने के बाद नीतीश ने संवाददाताओं से कहा यह राष्ट्रपति का चुनाव है। यह टकराव का मुद्दा नहीं बनना चाहिए।
क्या बिहार की बेटी को हारने के लिए चुना गया है?: नीतीश
उन्होंने कहा नतीजों को लेकर कोई शंका नहीं है। हमारे मन में बिहार की बेटी मीरा कुमार के प्रति बहुत सम्मान है लेकिन सवाल यह है कि क्या बिहार की बेटी को हारने के लिए चुना गया है? नीतीश ने कहा हमने सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद यह फैसला किया। और जहां तक जदयू की बात है तो उसने हमेशा स्वतंत्र फैसले लिए हैं यहां तक कि जब राजग में थी, तब भी। हमने उस समय संप्रग के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति की कुर्सी राजनीतिक लड़ाई के लिए नहीं है। उन्होंने कहा अगर आम-सहमति बन जाती तो अच्छी बात थी लेकिन मुझे नहीं लगता कि इसे वाद-विवाद का विषय बनाना चाहिए। उन्होंने कहा मैंने रामनाथ कोविंद से मुलाकात की थी और फिर सोनियाजी और सीताराम येचुरी जी से बात की और उन्हें अपनी इन भावनाओं से अवगत कराया कि रामनाथ कोविंद जी ने बिहार के राज्यपाल के रूप में प्रशंसनीय काम किया है। उन्होंने बिहार में बिना किसी पक्षपात के काम किया है।
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