हरकतों से बाज नहीं आया चीन, भारत के खिलाफ चली नई चाल

punjabkesari.in Monday, Jan 08, 2018 - 06:45 PM (IST)

बीजिंगः दुनिया की नजर में डोकलाम विवाद सुलझने के बाद बेशक भारत-चीन संबंधों में तनाव कम नजर आ रहा हो मगर असल में चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आया और उसकी भारतीय सीमाओं पर कब्जे की कोशिशें बरकरार हैं। साथ डोकलाम विवाद के बाद चीन ने अब नई चाल चलते सीमा पर अपनी रणनीति बदल दी है। दरअसल भारत के साथ 4,057 किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चीनी सेना के अतिक्रमण के तरीकों में  बड़ा बदलाव दिख रहा है। पहले चीनी सेना LAC के नजदीक अस्थायी ढांचे बनाती थी या भारत की ओर से बनाए गए अस्थाई ढांचों को नष्ट करती थी, लेकिन अब वह स्थाई ढांचे बनाने की कोशिश कर रही है।

 जानकारों का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश में हाल ही में चीनी सेना के एक बुलडोजर के प्रवेश करने से यह संकेत मिला है। यह घटना पिछले वर्ष डोकलाम में हुए विवाद के जैसी है। डोकलाम के क्षेत्र पर भारत और भूटान दोनों अपना दावा जताते हैं और चीनी सेना के इसमें घुसपैठ करने से भारत और चीन के बीच 75 दिनों तक टकराव की स्थिति रही थी। बाद में राजनयिक जरियों से इस विवाद का अंत किया गया था। 

जानकारों का कहना है कि चीन का लक्ष्य LAC पर मौजूदा स्थिति में बदलाव करना है और इसी वजह से उसकी सेना भारतीय क्षेत्र के अंदर प्रवेश करने की कोशिश कर रही है। इससे चीन बाद में भारत के साथ सीमा को लेकर बातचीत में अपना पक्ष मजबूत कर सकता है। अरुणाचल प्रदेश की हाल की घटना चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना का दोबारा जनरल सेक्रेटरी चुने जाने के बाद इस तरह का पहला विवाद है।

चीनी सेना ने इस अतिक्रमण की कोशिश ऐसे समय में की थी जब उसके स्टेट काउंसलर यांग जिएची सीमा के मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधि बातचीत के 20वें दौर के लिए दिल्ली में थे। चीन के मामलों के विशेषज्ञ श्रीकांत कोंडापल्ली ने कहा, 'डोकलाम और अरुणाचल प्रदेश दोनों घटनाओं में चीन के अपनी सीमा के बाहर जमीन पर कब्जा करने की कोशिश हुई है और चीन को क्षेत्र या विपक्षी देश से फर्क नहीं पड़ता।' 

भारत और चीन के बीच सीमा  विवाद के केंद्र में अरुणाचल प्रदेश (90,000 स्क्वेयर किलोमीटर) का मुद्दा है। अरुणाचल प्रदेश को चीन 'दक्षिण तिब्बत' कहता है। चीन की मांग है कि अगर पूरा अरुणाचल प्रदेश नहीं तो कम से कम राज्य में तवांग का क्षेत्र उसे स्थानांतरित किया जाए। चीन ने तवांग को स्थानांतरित किए बिना सीमा विवाद के निपटारे की संभावना से इंकार किया है, लेकिन भारत यह स्पष्ट कर चुका है कि अरुणाचल प्रदेश को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। 

 


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