इस्राइली PM ने खोली पोल, मोदी क्यों नहीं गए फिलीलस्तीन !

punjabkesari.in Saturday, Jul 22, 2017 - 11:40 AM (IST)

यरुशलमः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस्राइल  दौरे के समय ये सवाल हर भारतीय के मन में था कि प्रधानमंत्री फिलीलस्तीन क्यों नहीं गए ? ज्यादातर लोगों ने अनुमान के आधार पर इसका निष्कर्ष निकाला, लेकिन अब इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसका खुलासा किया है । दरअसल यूरोप दौरे पर चेक गणराज्य, पोलैंड और स्लोवाकिया के नेताओं के साथ बंद कमरे में बैठक के दौरान नेतन्याहू का पर्सनल माइक बंद नहीं था और उनकी बातचीत कमरे के बाहर भी सुनाई दे रही थी।इससे पहले कि इजरायली प्रधानमंत्री का स्टॉफ माइक बंद करता, पत्रकारों ने उनकी बात दर्ज कर ली थी।

बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे का जिक्र करते हुए भारत के साथ मजबूत संबंधों का हवाला देकर नेतन्याहू फिलिस्तीन के मुकाबले इजरायल की प्रतिष्ठा को गिनाते हैं।  इस्राइली अखबार हारेत्ज के मुताबिक, 'नेतन्याहू ने बैठक में मौजूद नेताओं से कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने लोगों के लिए पानी चाहिए,मैं कहां से लाऊंगा? रामल्लाह से? नहीं।'
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फिलिस्तीन के पश्चिमी तट पर स्थित रामल्लाह एक महत्वपूर्ण शहर है, जहां भारत सहित तमाम देशों के उच्चायोग स्थित हैं। इस्राइल का दौरा करने वाले दुनिया भर के राष्ट्राध्यक्ष परंपरागत रूप से यहां रूकते हैं। दिलचस्प बात ये है कि मोदी अपनी इस्राइल यात्रा के दौरान रामल्लाह में नहीं रूके। माना जाता है कि मोदी का ऐसा करना विदेशी संबंधों के मामले में इस्राइल और फिलिस्तीन को जोड़ने की प्रवृत्ति को तोड़ना था।


मोदी के दौरे के संबंध में नेतन्याहू की टिप्पणी ट्रेड डील के लिए यूरोपियन यूनियन को अपनी शर्तों पर राजी करने को दर्शाती है। यूरोपियन यूनियन इस डील को इजरायल-फिलिस्तीन शांति प्रस्ताव के अनुकूल नहीं मानता है। खबरों के मुताबिक नेतन्याहू ने पूर्वी यूरोप के चार नेताओं से कहा कि इस्राइल के प्रति यूरोपीय यूनियन का व्यवहार बहुत क्रेजी है। उन्होंने कहा कि यूरोपीय यूनियन राष्ट्रों का एकमात्र संघ है जिसके रिश्ते इजरायल के साथ शर्तों पर आधारित हैं, जो राजनीतिक शर्तों के मुताबिक हर क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का निर्माण करता है। ऐसा कोई नहीं करता।'

 

  
 


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