गुजरात चुनाव: एक मंच पर आए सभी विरोधी देंगे बीजेपी को सीधी टक्कर

punjabkesari.in Saturday, Oct 21, 2017 - 08:14 PM (IST)

नेशनल डेस्क: गुजरात विधानसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे वैसे बीजेपी की मुश्किल बढ़ती जा रही है। राहुल गांधी व केजरीवाल जैसे दिग्गज नेताओं से लड़ रही है बीजेपी को अब गुजराती तिकड़ी का भी मुकाबला करना होगा। जिसकी संभावना व्यक्त की जा रही थी वही हुआ। शनिवार की शाम को अल्पेश व राहुल गांधी की मुलाकात के साथ ही पंजाब केसरी की खबर पर मुहर लग गई। पंजाब केसरी ने बताया था कि गुजरात चुनाव में तीन तिकड़ी बीजेपी का खेल बिगाड़ सकती है।

शनिवार को उसकी शुरूआत हो गई। राहुल गांधी से मुलाकात के बाद अल्पेश 23 अक्टूबर को कांग्रेस में शामिल होंगे। उसी दिन एक विशाल रैली का भी आयेाजन होगा। जिसमें राहुल भी शामिल होंगे। अल्पेश ने मीडिया से यह भी स्पष्ट कर दिया है कि बीजेपी को हराने के लिए हार्दिक व जिग्रेश भी साथ में रहेंगे।
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हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर व जिग्रेश मेवानी का साथ पाकर कांग्रेस के खेमे में जहां खुशी की लहर चल रही है वहीं बीेजेपी के लिए यह नई परेशानी है। इस परेशानी से मोदी कैसे निपटेंगे, इसका जवाब वो 22 अक्टूबर वड़ोदरा व भावनगर में होने वाली रैली में दे सकते हैं। यह भी हो सकता है कि जिन परियोजनाओं की वो पहले घोषणा करने वाले थे उसमें भी उलट फेर हो जाए। हो सकता है कि पाटिदार, ओबीसी के लिए कुछ लुभावने वादे करें।

वहीं कांग्रेस द्वारा चुनाव लडऩे की बात को नकारने के बाद हार्दिक पटेल ने दोबारा समर्थन देने की बात कही है। हार्दिक ने अपने साथ ही तीनों युवा नेता को एक जुट होकर बीजेपी को हराने का काम करेंगे। हार्दिक के पास गुजरात में 12 प्रतिशत पाटीदारों का समर्थन है। जबकि अल्पेश ठाकोर के पास राज्य के करीब 35 लाख 92 हजार दलितों का समर्थन हैं वही जिग्रेश पहले ही बीजेपी के खिलाफ झंडा बुलंद कर चुके हैं।
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हार्दिक पटेल
गुजरात में 12 प्रतिशत पाटीदारों के वोट हैं। हार्दिक पटेल द्वारा पाटीदारों के लिए आरक्षण को लेकर जिस प्रकार आन्दोलन को पूरे गुजरात में अगुवाई किया उससे उनकी छवि बीजेपी के लिए घातक बन गई। गुजरात सरकार के लाख कोशिशों के बाद भी केंद्र सरकार तक अपनी हनक पहुंचाने वाले हार्दिक इस समय पटेल समाज के साथ हो रही नाइंसाफी से नाराज हैं, यही कारण है कि पटेल समुदाय का 12 प्रतिशत का वोट भाजपा से खिसकता दिख रहा है।

अब गुजरात सरकार पाटीदारो को खुश करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। चौकाने वाली बात यह है कि हार्दिक का झुकाव कांग्रेस की तरफ है, गुजरात आने पर उन्होंने ट्वीट करके राहुल गांधी का स्वागत किया था। जिससे कयास लगाया जा रहा है कि वो राहुल गांधी से हाथ मिला सकते हैं।
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जिग्रेश मेवाणाी
जिग्नेश मेवाणी राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के संयोजक है और रा’य में दलितों पर हो रहे हमलों के लिए गुजरात सरकार को जिम्मेदार मानते हैं। गौरक्षा के नाम पर दलितों की पिटाई पर जिग्नेश ने भाजपा को खूब लताड़ा था और आन्दोलन का नेतृत्व भी किया था। अब गुजरात में दलितों का वोटबैंक भाजपा के लिए हथियाना मुश्किल लग रहा है। जिग्नेश मेवाणी कहते है, राज्य में दलित पर हो रहे हमलों को रोकने और उनकी स्थिति में सुधार के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है।

बीजेपी का हिंदुत्व का एजेंडा है और इस सरकार के रहते उनका भला नहीं हो सकता। उन्होंने ये भी कहा कि इस बार बीजेपी को हर कीमत पर हराया जाना चाहिए। आजादी कूच आंदोलन में जिग्नेश ने 20 हजार दलितों को एक साथ मरे जानवर न उठाने और मैला न ढोने की शपथ दिलाई थी। इस आंदोलन में दलित मुस्लिम एकता भी दिखाई दी थी। 
PunjabKesariअल्पेश ठाकोर
इस तिकड़ी की तीसरी कड़ी हैं ओबीसी, एससी और एसटी एकता मंच के संयोजक अल्पेश ठाकोर। राज्य में दलितों का वोट प्रतिशत करीब सात फीसदी है। राज्य की कुल आबादी लगभग 6 करोड़ 38 लाख है, जिनमें दलित 35 लाख 92 हजार के करीब हैं। ओबीसी का वोट प्रतिशत पाटीदार और दलितों से कही गुना ज्यादा है। उनका कहना है कि विकास सिर्फ दिखावा है और गुजरात में इसी कारण लाखों लोग बेरोजगार हैं। इन तीनों के एक साथ होने पर बीजेपी के लिए गुजरात में जीत का सिलसिला कायम रखा मुश्किल होगा।


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