भारत-कनाडा के बीच हुए 6 समझौते, मोदी बोले-आतंकवाद के खिलाफ ट्रूडो हमारे साथ

punjabkesari.in Friday, Feb 23, 2018 - 07:09 PM (IST)

नई दिल्ली(रंजीत कुमार): खालिस्तानी और इस्लामी आतंकवादियों के खिलाफ भारत और कनाडा ने एकजुटता दिखाई  है और इनके खिलाफ साझा तौर पर लड़ने का संकल्प दिखाया है।कनाडा के प्रधानमंत्री  जस्टिन ट्रूडो के सात दिनों के भारत दौरे के समापन के पहले यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ आतंकवाद और हिसंक उग्रवाद के  खिलाफ मिल कर लड़ने के लिए अलग से  सहयोग का  एक ढांचा  जारी किया गया  है। इसके अलावा दोनों देशों  ने अलग से एक साझा बयान भी जारी किया जिसमें न केवल मालदीव के हालात पर चिंता जाहिर की गई है बल्कि दक्षिण चीन सागर में भी समुद्री कानून का पालन करने पर जोर दिया है। इसके साथ ही दोनों देशों ने सहयोग के छह समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए हैं। दोनों देश आपसी रक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए हैं।

PunjabKesariपीएम मोदी ने इशारों में दी चेतावनी
बातचीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने  खालिस्तान के प्रति कनाडा की सरकार के नरम रुख की ओर इशारों में चेतावनी दी कि जो लोग भारत की एकता , सम्प्रभुता और अखंडता को चुनौती देंगे उन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने आगाह किया कि जो लोग धर्म का इस्तेमाल राजनीतिक मंसूबों को हासिल करने और अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए करते हैं उनकी समाज में कोई जगह नहीं है। मोदी ने ट्रूडो से कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि दोनों देश मिल कर आतंकवाद का मुकाबला करें।

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ट्रूडो ने दिया सहयोग का भरोसा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की शुक्रवार को हुई बातचीत के बाद अब कनाडा में खालिस्तान समर्थक गतिविधयों पर अंकुश लगाना आसान होगा। इसमें पूरा सहयोग देने का भरोसा कनाडा ने दिया है। जस्टिन ट्रूडो की सरकार को खालिस्तानी आन्दोलन के प्रति नरम रुख अपनाने वाला माना जाता रहा है लेकिन ट्रूडो ने भारत के साथ आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद के खिलाफ साझा संकल्प जारी कर अपना रुख बदलने का संकेत दिया है। भारत के लिए यह ब़डी कूटनीतिक कामयाबी मानी जा रही है। आतंकवाद औऱ हिंसक उग्रवाद के मुकाबले के लिए सहयोग के दस्तावेज में दोनों देशों ने खालिस्तान समर्थक संगठनों बब्बर खालसा इंटरनैशनल और इंटरनैशनल सिख यूथ फेडरेशन को आतंकवादी संगठन बताया  है और इनकी गतिविधियों पर रोक लगाने का संकल्प दिखाया गया है। इसके अलावा इस्लामी गुटों अलकायदा, आईसिस, हकानी नेटवर्क, लश्कर ए तैयबा  और जैश ए मुहम्मद का भी आतंकवादी संगठनों के तौर पर नाम लेकर इनसे साझा मुकाबला करने की बात की गई है।

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अटवाल पर ट्रूडो ने दी सफाई
खालिस्तानी आतंकवादी जसपाल अटवाल को यहां प्रधानमंत्री ट्रूडो के डिनर निमंत्रण से पैदा विवाद के बाद भारत की चिंता दूर करते हुए खालिस्तानियों  के खिलाफ जस्टिन ट्रूडो ने जरूरी कदम उठाने का संकल्प दिखाया।  इस संकल्प को जमीन पर उतारने के लिए दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की देखरेख में सुरक्षा एजेंसियां काम करेंगी और इसके लिए दोनों सलाहकारों की नियमित  बैठकें होंगी। सूत्रों के मुताबिक दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच अकेले में और फिर शिष्टमंडल स्तर की बातचीत के दौरान भारत की ओर से कनाडा में फिर पनप रहे खालिस्तान आन्दोलन पर चर्चा छेड़ी गई और साफ कहा गया कि यह आन्दोलन भारत की एकता के खिलाफ है जिस पर कनाडा आंखें नहीं मूंद सकता है।

साझा बयान में चीन का नाम लिए बिना हिंद प्रशांत में कानूनी व्यापार, समुद्र में खुली आवाजाही और समुद्र के ऊपर स्वच्छंद उड़ान के अधिकार को अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप बनाए रखने पर जोर दिया गया है। साझा बयान में भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में आपसी सहयोग  की बात करते हुए अफगानिस्तान की मौजूदा जनतांत्रिक सरकार को हर तरह की मदद देने का वचन दिया गया है।  आपसी रिश्तों को गहरा करने के लिए दोनों देशों ने समग्र आर्थिक साझेदारी समझौता(सीईपीए) और दिवपक्षीय निवेश संवर्द्धन और संरक्षण समझौता करने के लिए भी दोनों प्रधानमंत्रियों ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

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सहयोग के छह समझौते

1. सूचना,  संचार तकनीक औऱ इलेक्ट्रानिक्स के क्षेत्र में आपसी सहयोग का समझौता

2. भारत कनाडा मंत्रिस्तरीय ऊर्जा वार्ता के लिए  प्रस्तावित मसले

3. खेल के क्षेत्र में सहयोग के लिए सहमति  का ज्ञापन

4. बौद्धिक सम्पदा अधिकार के क्षेत्र में सहयोग के लिए सहयोग का समझौता

5. उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग के लिए सहमति का ज्ञापन

6. विज्ञान, तकनीक और आविष्कार के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत के परमाणु ऊर्जा विभाग और कनाडा  के प्राकृतिक संसाधन विभागों के बीच समझौता


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