करोड़ों की संपत्ति छोड़ संन्यासी बनना अब इस दंपति के लिए बना मुसीबत!

punjabkesari.in Wednesday, Sep 20, 2017 - 01:41 PM (IST)

नीमच: मध्य प्रदेश के नीमच के एक जैन युवा (श्वेताम्बर) दम्पति ने अपनी तीन साल की बेटी और 100 करोड़ों की सम्पति त्यागकर सन्यासी होकर संत और साध्वी जीवन जीने का निर्णय लेना अब उनके लिए मुसीबत बन गया है। नीमच जिले के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने युवा जैन दंपति को दीक्षा लेने से रोकने की मांग की है जो अपनी तीन साल की बेटी और करोड़ों की संपत्ति त्यागकर 23 सितंबर को सूरत में ‘संन्यास दीक्षा’ लेने जा रहे हैं। जैन दंपत्ति के एक रिश्तेदार ने भी इस कदम से असहमति जताई है।   

सामाजिक कार्यकर्ता कपिल शुक्ला ने राष्ट्रीय मानवधिकार आयोग, चाइल्ड केयर, सीएम हेल्पलाइन, कलेक्टर और एसपी को आवेदन देकर ‘संन्यास दीक्षा’ को तुरंत प्रभाव से रोकने की मांग की है।  शुक्ला ने कहा, ‘‘दंपति का दीक्षा लेना बच्ची के हित में नहीं दिखता है। तीन साल की बच्ची का पालन पोषण कौन करेगा। ऐसे में जैन समुदाय को भी आगे आना चाहिये और तुरंत इसे रोकना चाहिए।’’   दीक्षा लेने वाले सुमित राठौड़ के चचेरे भाई संदीप ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘‘मैं आज से शपथ लेता हूं कि अब ऐसे साधु, महाराजों के आगे हाथ नहीं जोडूंगा क्योंकि मुझे अपनी बेटी, माता पिता और पत्नी से बहुत प्यार है। साधू का काम शिक्षा देना होता है। दीक्षा दिलाना नहीं।’’ संदीप की यह पोस्ट वायरल हो गई है।  

 संदीप ने कहा, ‘‘मुझे गर्व है कि मैं जैन समाज में पैदा हुआ हूं। वैराग्य आना बड़ी बात है, लेकिन परिवार और बच्चों की जिम्मेदारी निभाने के बाद।’’   सामाजिक कार्यकर्ता ने आवेदन में लिखा है की बच्चे के लिए माता..पिता के प्यार के आगे तमाम सुविधाएं छोटी हैं। जैन धर्म ‘अङ्क्षहसा परमोधर्म’ के रास्ते पर चलने वाला है। ऐसे में इस मासूम बच्ची को दूसरों के भरोसे छोडऩा उचित नहीं है। ऐसी स्थिति में यह दीक्षा तुरंत रूकवाई जाए।   गौरतलब है कि नीमच के प्रतिष्ठित कारोबारी नाहरसिंह राठौड़ के पोते सुमित राठौड़ (35) और स्वर्णपदक प्राप्त इंजीनियरिंग करने वाली उनकी पत्नी अनामिका (34) सूरत में 23 सितंबर को जैन आचार्य रामलालजी महाराज से संन्यास लेने जा रहे हैं। अनामिका कपासन (राजस्थान) के पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक चंडालिया की बेटी हैं। इनकी शादी चार साल पहले ही हुई है।

 संपन्न संयुक्त परिवार के साथ ही इनकी 2 साल 10 महीने की बेटी भी है। सुमित और उनकी पत्नी अनामिका ने फिलहाल इस पूरे मामले में मौन साध रखा है जबकि उनकी दीक्षा अगले शनिवार 23 सितंबर को सूरत में है।  अनामिका के पिता ने कहा कि वह अपनी नातिन की देखभाल करेंगे और ‘‘मैं मेरी बेटी के दीक्षा लेकर साध्वी बनने के खिलाफ नहीं हूं।’’  इस मामले में ‘साधुमार्गी जैन श्रावक संघ, नीमच’ के सचिव प्रकाश भंडारी ने बताया कि नीमच के बड़े कारोबारी घराने के इस परिवार की 100 करोड़ से भी अधिक की संपत्ति है और परिवार के काफी समझाने के बावजूद युवा दंपति संन्यास लेने के अपने निर्णय पर अडिग है।


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