फेसबुक डाटा लीक: भारत में हंगामा क्यों? कई देशों में डेटा खंगालती है कैंब्रिज एनालिटिका

punjabkesari.in Thursday, Mar 22, 2018 - 07:28 PM (IST)

नेशनल डेस्क: फेसबुक डाटा चोरी के मामले में राजनीतिक दल एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। जबकि सच्चाई कुछ और है। विवादों में घिरी इंग्लैंड की डेटा कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका (सीए) की हकीकत यह है कि इसे चुनावी डेटा खंगालने और उसका विश्लेषण करने के लिए ही जाना जाता है। सीए पर आरोप है कि इसने 5 करोड़ फेसबुक यूजरों की सूचनाएं जुटाकर डोनाल्ड ट्रंप को चुनाव जीतने में मदद की थी। अब इस विवाद के चपेटे में भारत भी आ गया है। एक बात यह भी है कि ओवलीनो बिजनेस इंटेलीजेंस (ओबीआई) की मानें तो भारत में बीजेपी, कांग्रेस और जेडीयू इसके क्लाइंट हैं। जेडीयू नेता केसी त्यागी के बेटे अमरीश त्यागी ने स्वीकार भी किया है कि झारखंड में यूथ कांग्रेस, बीजेपी और जेडीयू ने रिसर्च के लिए ओबीआई की सेवाएं ली हैं। ओबीआई कैंब्रिज एनालिटिका की भारतीय शाखा है जो यहां एनालिसिस का काम देखती है। भारत में इसे जेडीयू नेता केसी त्यागी के बेटे अमरीश त्यागी संभालते हैं।
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सीए ने किया दावा
सीए ने अपनी वेबसाइट पर दावा किया है कि '2010 के बिहार चुनाव में चुनावी विश्लेषण के लिए ठेका मिला था।' वेबसाइट पर यह भी कहा गया है कि रिसर्च के अलावा समर्थकों को जागरूक करने के लिए भी संपर्क किया गया था। वेबसाइट पर कहा गया है, हमारे क्लाइंट ने जबरदस्त जीत हासिल की, सीए ने जितनी सीटों को कवर किया उनमें 90 परसेंट सीटों पर जीत हासिल हुई। 2010 में बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन ने 243 में से 206 सीटें हासिल की थीं। दूसरी ओर, बीजेपी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि 2019 चुनाव के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को ताक पर रखते हुए पार्टी ने सीए को डेटा खंगालने का जिम्मा दिया है।

किया गया डोनाल्ड ट्रंप का कैंपेन 
2016 के अमेरिकी चुनाव के बारे में सीए ने कहा, डोनाल्ड ट्रंप के कैंपेन के लिए वोटरों के मुद्दे और उनके सरोकारों को बारीकी से पहचाना गया। सीए ने अपनी वेबसाइट पर कहा, 17 राज्यों में तकरीबन 1 लाख 80 हजार लोगों से ऑनलाइन और टेलीफोन पर बात की गई। प्राप्त सूचनाओं के आधार पर वोटरों से ऐसे बात की गई ताकि वे बेधड़क प्रतिक्रिया दे सकें। साल 2016 में ट्रंप ने अमेरिकी चुनाव जीत ली थी। इतना ही नहीं, उसने राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार टेड क्रूज और बेन कार्सन की भी मदद की।

कई देशों में डेटा खंगालने का है काम
इस कंपनी का यह भी दावा है कि पूरे दक्षिण अफ्रीका में 1994 के चुनाव में कम से कम हिंसा हो, इसकी भी कोशिश की गई। उस चुनाव में नेल्सन मंडेला ने जीत दर्ज की थी। 2013 के केन्या चुनाव में भी सीए का रोल था। इसने कहा, पूर्वी अफ्रीका के चुनाव में सबसे बड़ा अभियान चलाते हुए सीए ने 47 हजार प्रतिभागियों की राय जानी। केन्या में 2008 के हिंसा के बाद नए संविधान के तहत पहली बार चुनाव कराए गए। सीए की क्लाइंट पार्टी नेशनल एलायंस (ऊहरू केन्याता) ने जीत हासिल की थी। कैंब्रिज एनालिटिका कई देशों में डेटा खंगालने और उनके विश्लेषण का काम करती है। इन देशों में कोलंबिया, इंडोनेशिया, इटली, मलेशिया और थाइलैंड के नाम हैं।


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