जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की अब खैर नहीं, सेना की मदद करेंगे ये कमांडो

punjabkesari.in Friday, Jul 21, 2017 - 12:07 PM (IST)

जम्मू: जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खात्‍मे के लिए अब एक नया प्‍लान तैयार कर लिया गया है। सेना के आतंकियों के खात्में के लिए एक खास प्लान बनाया है। आतंकियों के खात्में के लिए सेना का साथ अब हाईली स्‍पेशलाइज फोर्स के कमांडोज देंगे। खबर के मुताबिक यह कमांडो कोई और नहीं बल्कि नौसेना के मरीन कमांडो 'मार्कोस' होंगे।

जैसा कि आपको बता दें भारत के मरीन कमांडो दुनिया के बेहतरीन कमांडो दस्‍ते में गिने जाते हैं। इन्‍हें मार्कोस भी कहा जाता है। मुंबई हमले के दौरान ताज होटल पर हुए आतंकी हमले में पहला मोर्चा संभालने वाले यही कमांडो थे। जिसकी मदद से लोगों की जानों को बचाया गया था और आतंकियों को माप गिराया गया था। इन कमांडो को बेहद कड़ी ट्रेनिंग से होकर गुजरना होता है।

दरअसल थल और वायु सभी जगह ऑपरेशन को अंजाम देने में महारत हासिल रखते हैं। यही वजह है कि सेना का साथ देने के लिए अब मार्कोस का इस्‍तेमाल करने का मन बनाया गया है। आतंकियों की धर-पकड़ और उन्‍हें खत्‍म करने में अब इनका सहयोग लिया जाएगा। लिहाजा अब आतंकियों का बच पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा। ऐसे में अब ये कमांडों आतंकियों को एक नए इरादों के साथ धूल चटाने को तैयार हैं।

खबर के मुताबिक इसके लिए नेवी ने लेफ्टिनेंट कमांडर के नेतृत्‍व में तीस कमांडो की यूनिट को तैनात किया है। इसका मकसद यहां पर जारी आतंकी गतिविधियों को खत्‍म करना है। हाल ही में सेना ने इनका इस्‍तेमाल झेलम नदी के नजदीक आतंकियों के खिलाफ होने वाले सर्च ऑपरेशन में किया था। फिलहाल इन कमांडोज को झेलम नदी वाले इलाके में तैनात किया गया है।  इस इलाके को आतंकी खुद के और अपने हथियारों को छिपाने के लिए इस्‍तेमाल करते हैं।

मार्कोस का काम इस पूरे इलाके को आतंकियों से क्‍लीन करने का होगा। इससे पहले 1995 में भी मार्कोस को वुलर लेक के आस-पास का करीब 250 किमी का इलाका साफ करने के लिए लगाया गया था। आतंकियों में भी मार्कोस की तैनाती को लेकर काफी खौफ है। इमसें ज्यादातर 20 साल की उम्र वाले युवा जांबाजों को लिया जाता है। इनकी कठिन ट्रेनिंग का हिस्सा होता है 'डेथ क्रॉल' जिसमें जवान को जांघों तक भरी हुई कीचड़ में भागना होता है। 
 


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