कार्ति चिदंबरम की जमानत याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने CBI का मांगा जवाब

punjabkesari.in Tuesday, Mar 13, 2018 - 05:02 PM (IST)

नई दिल्ली: आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार कार्ति  चिदंबरम की जमानत याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज केंद्रीय जांच ब्यूरो से जवाब मांगा। न्यायमूर्ति एसपी गर्ग ने सीबीआई से कहा कि वह 16 मार्च से पहले स्थिति रिपोर्ट पेश करे। सीबीआई ने कहा कि मामला विचार योग्य नहीं है। सुनवाई के दौरान कार्ति की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने उच्च न्यायालय को सूचित किया कि वह निचली अदालत से अपनी जमानत याचिका वापस ले लेंगे। इससे पहले, यह मामलाआज सुबह न्यायमूर्ति इंदरमीत कौर के समक्ष सूचीबद्ध था लेकिन उन्होंने इसकी सुनवाई से खुद को अलग कर लिया और कहा कि इस मामले को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के पासभेजा जा रहा है ताकि जमानत याचिका को आज ही किसी अन्य पीठ को सौंप दें।  यह जमानत याचिका कल कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ के समक्ष लाई गई थी और आज सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गई थी। 

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति को सीबीआई अदालत द्वारा कल 24 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिये जाने के कुछ समय बाद ही उसने उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर की थी। कार्ति के अभिभावक पी चिदंबरम और नलिनी चिदंबरम दोनों ही वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। वे अदालत कक्ष में मौजूद थे। विशेष अदालत ने वह अनुरोध भी अस्वीकार कर दिया था कि जिसमे कार्ति ने अपने लिये खतरे की आशंका के मद्देनजर तिहाड़ जेल की अलग सेल में रखने का अनुरोध किया था। अदालत ने उनकी जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई का आग्रह और जेल में खतरे की बात भी खारिज कर दी। कार्ति का कहना था कि चूंकि पिछली संप्रग सरकार में बतौर केन्द्रीय मंत्री उनके पिता पी चिदंबरम कई संवेदनशील मुद्दों से निपटे हैं, इसलिए उन्हें खतरा है। चेन्नई में28 फरवरी को गिरफ्तारी के बाद से कार्ति 12 दिन से सीबीआई की हिरासत में थे, एजेंसी उनसे पूछताछ कर रही थी। सीबीआई ने अदालत से कहा कि कार्ति को हिरासत में रखकर पूछताछ करने की अब जरूरत नहीं है। इसके बाद अदालत ने उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया था। 

अदालत ने कहा था कि उनकी जमानत याचिका परपहले से ही निर्धारित तारीख 15 मार्च कोसुनवाई होगी। कार्ति के ब्रिटेन से लौटने के बाद सीबीआई ने उन्हें उस प्राथमिकी के आधार पर गिरफ्तार कर लिया था जो पिछले वर्ष 15 मई को दर्ज की गई थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि मीडिया हाउस आईएनएक्स मीडिया को विदेशों से करीब 305 करोड़ रूपए का धन प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी देने में अनियमितताएं हुई है। मामला वर्ष 2007 का है जब काॢत के पिता केंद्रीय वित्त मंत्री थे। शुरुआत में सीबीआई ने आरोप लगाया था कि आईएनएक्स मीडिया के लिए एफआईपीबी मंजूरी देने के लिए कार्ति चिदंबरम को 10 लाख रूपए की रिश्वत दी गईै लेकिन बाद में आंकड़े को बदलकर दस लाख अमेरिकी डॉलर की रिश्वत दी गई जो वर्तमान विनिमय दर के हिसाब से 6.50 करोड़ रूपए और वर्ष 2007 की दर के हिसाब  से 4.50 करोड़ रूपए है।    


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