भारतीय वैज्ञानिकों की मेहनत लाई रंग, समुद्र में ढूंढ निकाला ''अरबों का खजाना''

punjabkesari.in Monday, Jul 17, 2017 - 12:21 PM (IST)

कोलकाताः जिऑलजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के वैज्ञानिकों का दावा है कि भारतीय प्रायद्वीपों के पानी के नीचे लाखों टन के कीमती खनिज और धातु है। वैज्ञानिकों ने पहली बार मंगलुरु, चेन्नई, मन्नार बेसीन, अंडमान और निकोबार द्वीप और लक्षद्वीप के आस-पास 2014 में इन धातुओं का पता लगाया था। जिस मात्रा में वैज्ञानिकों के हाथ लाइम मड, फोसफेट-रिच और हाइड्रोकार्बन्स जैसी चीजें मिली हैं, उससे अंदाजा लगाया जा रहा है पानी के और भीतर वैज्ञानिकों को और बड़ी सफलता मिल सकती है।

3 साल की खोज के बाद, जिऑलजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने 181,025 वर्ग किमी का हाई रेजॉल्यूशन सीबेड मोरफोलॉजिकल डेटा तैयार किया है और 10 हजार मिलियन टन लाइम मड के होने की बात कही है। वैज्ञानिकों ने सुनिश्चित किया है कि मंगलुरु और चेन्नई कोस्ट में बड़ी मात्रा में फास्फेट है। वहीं तमिलनाडु के मन्नार बेसीन कोस्ट में गैस हाइड्रैट है। वैज्ञानिकों के मुताबिक अंडमान सागर में मैगनिज और लक्षद्वीप के आसपास माइक्रो-मैगनिज नोड्यूल है। समुद्रों की गहराई में खनिजों पर रिसर्च करने के लिए तीन अत्याधुनिक अनुसंधान जहाज समुद्र रत्नाकर, समुद्र कौसतुभ और समुद्र सौदीकामा इस पर काम कर रही है।


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