भारतीय अधिकारी नहीं जानते थे जहां चीन ने बनाई सड़क, वो भारत का हिस्सा

punjabkesari.in Thursday, Jan 11, 2018 - 01:30 PM (IST)

नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश के तूतिंग में चीन के सैनिकों ने सीमा के इस तरफ क्षेत्र में सड़क बनाने की कोशिश की थी। सरकार के सूत्रों ने बताया था कि भारतीय सैनिकों ने 28 दिसंबर को तूतिंग में भारतीय क्षेत्र के अंदर करीब एक किलोमीटर लंबा रास्ता बनाने की चीन के सड़क निर्माण दलों की कोशिश को नाकाम कर दिया था। उन्होंने कहा था कि भारतीय सैनिकों द्वारा विरोध जताने के बाद सड़क निर्माण दल वापस चला गया लेकिन दो एक्सकेवेटर और कुछ अन्य उपकरण छोड़ गया। चीनी सेना की सड़क बनाने वाली टुकड़ी की घुसपैठ की जानकारी एक लोकल पोर्टर ने आईटीबीपी को दी थी। इस पर भारतीय विरोध के बाद चीनी वापस चले गए थे।
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वहीं इस मामले में हैरान कर देने वाली बात सामने आई है। इलाके में तैनात प्रशासनिक अधिकारियों को यह तक नहीं पता कि जिस इलाके में चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की वो भारत का ही हिस्सा है। तूतिंग सर्कल के अतिरिक्त उपायुक्त के. अपांग ने कहा कि चीनी सैनिक जिस इलाके में घुस आए थे, वह पहुंच से काफी दूर है। गांवों के शिकारियों के अलावा कोई भी व्यक्ति इस इलाके में नहीं जाता है क्योंकि यहां पहुंचना बेहद कठिन है। घुसपैठ से पहले तक हम लोग यह सोचते थे कि यह इलाका नोमेन्स लैंड है क्योंकि यहां सीमा तय करने के लिए कोई भी नदीं या नहर नहीं है। चीनियों के यहां पहुंचने के बाद हमने गूगल मैप चेक किया, जिससे यह पता चला कि यह भारत का ही हिस्सा है।' यही नहीं अपांग ने कहा कि चीन की सड़क बनाने वाली टुकड़ी पहले ही 1.25 किलोमीटर लंबी सड़क बना चुकी है।

अपांग ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के नियमों के मुताबिक गांव में कम से कम 100 लोगों की आबादी पर ही सड़क बनाई जा सकती है। बिशिंग में 16 घर हैं और कुल 54 लोग बसते हैं। यही वजह है कि इस गांव को जोड़ने के लिए कोई सड़क नहीं बन पाई है।' उल्लेखनीय है कि चीनी सेना ने जिस इलाके में सड़क बनाई है, वह सियांग नदी के पूर्वी सिरे पर है। यह नदी तिब्बत के यारलुंग सांगपो से निकलती है। चीनी इस इलाके में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के जरिए आसानी से घुस आते हैं, जबकि बिशिंग गांव के लिए भारत की ओर से कोई सड़क ही नहीं है।


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