चीन की ‘सलामी स्लाइसिंग’ रणनीति से इस तरह निपटेगा भारत

punjabkesari.in Wednesday, Oct 11, 2017 - 08:05 PM (IST)

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को सिक्किम-भूटान-तिब्बत ट्राइ जंक्शन का दौरा किया था। जब सीतारमण ने चीनी जवानों को नमस्ते का मतलब बताया तो चीनी जवानों इसका रिएक्शन मुस्कुराते हुए और भावपूर्ण दिया। चीन के सरकारी समाचार पत्र में भी भारतीय रक्षा मंत्री के मित्रतापूर्ण रवैये का स्वागत किया गया। सीतारमण का यह दौरा एक खास रणनीति के तहत किया गया था। दोनों देशों के बीच डोकलाम विवाद भले ही शांत हो गया है, लेकिन भारत अब चीन की खतरनाक ‘सलामी स्लाइसिंग’ की रणनीति से निपटने के लिए योजना बना रहा है।

इंडियन आर्मी तैयार कर रही है रणनीति 
सूत्रों के अनुसार इंडियन आर्मी चीन की ‘सलामी स्लाइसिंग’ से लडऩे के लिए अपनी तरफ से रणनीति तैयार कर रही है। भारत की सीमा चीन के साथ 4,057 किमी लंबी है। इस सीमा पर सड़क समेत कई इन्फ्रास्ट्रक्चर का काम कई सालों से रुका पड़ा है। यही कारण है कि इसका फायदा उठाते हुए चीन सीमा पर अपनी हलचल करते हुए अक्सर दिखाई देता है। इस दौरे के बाद रक्षा सीतारमण ने सीमा पर रुके हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर को फिर से डेवलप करने पर जोर दिया है।

क्या होता है ‘सलामी स्लाइसिंग’
सलामी स्लाइसिंग का मतलब है पड़ोसी देश के खिलाफ चुपके-चुपके सैन्य अभियान चलाकर धीरे-धीरे किसी बड़े बूभाग पर कब्जा कर लेना। ऐसे अभियान इतने छोटे स्तर के होते हैं कि इनके युद्ध में बदलने की संभावना पैदा नहीं होती है लेकिन पड़ोसी देश के लिए यह समझना मुश्किल हो जाता है कि ऐसे अभियानों का कैसे और किस तरह से जवाब दिया जाए। इस तरह के अभियानों से चीन ने कई क्षेत्रों में अपना कब्जा जमाने में सफलता पाई है। आर्मी चीफ बिपिन रावत ने हाल ही में चीन की इसी खतरनाक रणनीति के खिलाफ आगाह करते हुए कहा था कि चीन ने अपनी ताकत दिखानी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा था कि यह हमारे लिए चिंता का विषय है और हमें इस प्रकार की परिस्थितियों से निपटने के लिए के लिए तैयार रहना चाहिए जिनसे भविष्य में गंभीर टकराव पैदा हो सकता है।


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