चीन को रोकने के लिए भारत खेल रहा नया दांव !

punjabkesari.in Tuesday, Aug 22, 2017 - 11:38 AM (IST)

नई दिल्लीः डोकलाम में चीन के साथ सैन्य गतिरोध को लेकर भारत काफी नाराज है। चीन को रोकने के लिए भारत ने नया दांव खेलते इस मुद्दे पर रूस का समर्थन मांगा है। इस बाबत दोनों देशों के बीच राजनयिक स्तर की वार्ता चल रही है। भारत सरकार चाहती है कि अगले महीने के पहले हफ्ते में चीन में होने जा रहे ब्रिक्स बैठक से पहले इस मुद्दे पर रूस अपना रुख जाहिर कर दे। 

भारतीय राजनयिक चाहते हैं कि रूस की सरकार चीन से बात करे और वह चीन को भारत विरोधी रवैया छोड़ने के लिए मनाए। दोनों देशों की सरकारें इस मसले पर संपर्क में हैं। भारत चाहता है कि रूस कूटनीतिक रास्तों से चीन को विवादित जमीन पर सड़क बनाने से रोके। साथ ही, आतंकवाद जैसे मुद्दों पर भारत के रुख का समर्थन करे। भारतीय राजनयिक डोकलाम विवाद शुरू होने के बाद से ही मास्को से संपर्क बनाए हुए हैं कि वह चीन को भारत विरोधी रवैया छोड़ने के लिए मनाए।

इसी साल भारत ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की सदस्यता के मसले पर चीन का विरोध रोकने के लिए रूस की मदद मांगी थी। विदेश मंत्रालय के एक आला अधिकारी ने कहा कि रूस एक अहम सामरिक साझेदार है और एक मित्र देश के साथ सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा स्वभाविक है। भारतीय राजनयिकों ने ब्रिक्स सम्मेलन को लेकर तैयारी बैठकों में रूसी अधिकारियों के साथ डोकलाम के बारे में चर्चा की। रूस को यह बताने की कोशिश की गई है कि डोकलाम में सड़क बनाकर चीन यथास्थिति को तोड़ रहा है और यह स्थिति भारत की सुरक्षा के लिए यह खतरनाक है। 

गौरतलब है कि तीन से पांच सितंबर तक चीन के श्यामन में ब्रिक्स सम्मेलन होना है। इस बैठक के पहले भारत चाहता है कि रूस के राजनयिक चीन के साथ वार्ता शुरू कर दें। चीन ने इस साल अप्रैल में होने वाली रूस-भारत-चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक का आयोजन टाल दिया था। रूस ने बैठक की नई तारीख तय कराने की कोशिश की, लेकिन कवायद सफल नहीं हो सकी। भारत चाहता है कि रूस की सरकार चीन को सड़क बनाने से रोके और आतंकवाद पर भारत के रूख का समर्थन करे।


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