‘संजीवनी बूटी’ के लिए भारत-चीन और पाक ने मिलाया हाथ, मिलकर करेंगे काम

punjabkesari.in Sunday, Mar 11, 2018 - 10:15 AM (IST)

नई दिल्ली: भारत, चीन ,पाकिस्तान और नेपाल ने चमत्कारिक गुणों से युक्त औषधीय वनस्पति 'सीबकथार्न' के जरिये हिमालय क्षेत्र की ग्रामीण आबादी की आय बढ़ाने के लिए हाथ मिलाया है। इस पौधे के चमत्कारिक गुणों को देखते हुए इसे ‘संजीवनी बूटी’ के समान माना जाता है। अंतर्राष्ट्रीय संस्था ‘इंटरनेशनल सेंटर फार इंटिग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट’ के सदस्य इन देशों ने हिंदुकुश हिमालय क्षेत्र की ग्रामीण आबादी की आजीविका बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने में मदद के लिए यह पहल की है। इसके लिए चीन में हाल में आयोजित एक बैठक में परस्पर सहयोग के वास्ते एक करार पर हस्ताक्षर भी किए गए।

सम्मेलन में भाग लेकर लौटे भारत के प्रतिनिधि सी एस के हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह ने बताया कि 4000 से 14000 फुट की ऊंचाई पर उगने वाले इस पौधे के फलों के चमत्कारिक गुणों के कारण यह ‘संजीवनी बूटी’ के समान है और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी खासी मांग है। सीबकथार्न पर करीब दो दशकों तक अध्ययन कर चुके प्रोफेसर सिंह ने बताया कि ये सभी देश इसके फल से विभिन्न उत्पाद तैयार करने पर सहमत हो गए हैं।

उन्होंने बताया कि चीन ने अपने यहां वन विभाग की बेकार पड़ी जमीनों पर सीबकथार्न की वाणिज्यिक पैदावार करके, इसके फल का प्रसंस्करण करके जूस, चाय और पौष्टिक खाद्य पदार्थाें की बिक्री के जरिये स्थानीय लोगों की आय बढ़ाने का मॉडल तैयार किया है।इसके लिए उसने वन विभाग के अधिकारियों, वैज्ञानिकों, किसानों, खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों तथा विश्वविद्यालयों का एक समूह बनाया है। उसने 30 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में इसकी पैदावार करने तथा इस पर आधारित 500 से अधिक उद्योग-धंधे लगाने का सफल प्रयोग किया है।


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