अलविदा अर्जन: कभी रिटायर नहीं हुआ यह ''युद्ध नायक''

punjabkesari.in Sunday, Sep 17, 2017 - 09:42 AM (IST)

नेशनल डैस्कः अर्जन सिंह सेना के 5 स्टार रैंक अफसर थे। देश में पांच स्टार वाले तीन सैन्य अधिकारी रहे थे, जिनमें 2 अन्य फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ और फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा हैं, ये दोनों भी जीवित नहीं हैं। ये तीनों ही ऐसे सेनानी रहे, जो कभी सेना से रिटायर नहीं हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार शाम अर्जन सिंह से मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे थे। इससे पहले रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी अस्पताल जाकर उनका हाल-चाल जाना था। चीन के साथ 1962 की लड़ाई के बाद 1963 में उन्हें वायु सेना उप-प्रमुख बनाया गया था।
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एक अगस्त 1964 को जब वायु सेना अपने आप को नई चुनौतियों के लिए तैयार कर रही थी, उस समय एयर मार्शल के रूप में अर्जन सिंह को इसकी कमान सौंपी गई थी। मार्शल अर्जन सिंह का जन्म 15 अप्रैल 1919 को लायलपुर (फैसलाबाद, पाकिस्तान) में हुआ था और उन्होंने अपनी शिक्षा पाकिस्तान के मोंटगोमरी से पूरी की थी। अर्जन सिंह 19 वर्ष की उम्र में पायलट ट्रेनिंग कोर्स के लिए चुने गए थे।
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यही नहीं, अर्जन सिंह ने आजादी के दिन यानी 15 अगस्त 1947 को वायु सेना के 100 से भी अधिक विमानों के लाल किले के ऊपर से फ्लाई-पास्ट का भी नेतृत्व किया था। पाकिस्तान के खिलाफ जंग में उनकी भूमिका के बाद वायु सेना प्रमुख के रैंक को बढ़ाकर पहली बार एयर चीफ मार्शल किया गया। उन्हें नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था।

करियरनामा
-1938 में सिर्फ 19 साल की उम्र में भारतीय वायु सेना में भर्ती हुए

-23 दिसम्बर 1939 को पायलट अधिकारी के रूप में रॉयल एयर फोर्स में कमीशन

-09 मई 1941 को उड़ान अधिकारी

-15 मई 1942 को उड़ान लैफ्टिनैंट

-1944 में स्कवाड्रन लीडर

-1947 में अंबाला में विग कमांडर बने

-02 जनवरी 1955 को पश्चिमी वायु कमान (दिल्ली) के एयर कमांडर बने

-19 दिसम्बर 1959 को एयर वाइस मार्शल का पद मिला

-1961 में हवाई मुख्यालय के  प्रभारी

-1963 में भारतीय वायुसेना के वाइस-चीफ बने

-26 जनवरी 1966 में एयर चीफ मार्शल के रूप में प्रोन्नत व एयर स्टाफ रैंक के प्रमुख

-15 जुलाई 1969 में वायु सेना से रिटायर हुए

-26 जनवरी 2002 को वायु सेना में मार्शल पद से सम्मानित 
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आजादी के दिन सौ से भी अधिक विमानों का किया था नेतृत्व
कुछ लोग हमेशा शीर्ष पर होते हैं और उनमें एक चीज कॉमन होती है - जुनून और प्रतिबद्धता। वायुसेना के मार्शल अर्जन सिंह भी ऐसे ही व्यक्तित्व के धनी थे। अर्जन सिंह वायुसेना के एक मात्र ऐसे आफिसर रहे, जिन्हें फील्ड मार्शल के बराबर फाइव स्टार रैंक दी गई। भारतीय सेना में अब तक सिर्फ  3 लोगों को फाइव स्टार रैंक मिली और अर्जन सिंह उनमें से एक थे।PunjabKesari


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