गंगा को साफ करने के लिए सरकार का एक और कदम
punjabkesari.in Thursday, Aug 03, 2017 - 12:58 PM (IST)
नई दिल्ली: सरकार ने आज स्वीकार किया कि गंगा में भारी मात्रा में गाद जमा होना एक बड़ी चुनौती है और सरकार बिहार एवं पश्चिम बंगाल सरकार के प्रतिनिधयों एवं केंद्र की सहभागिता वाली एक समिति जल्द बनाने जा रही है ताकि गाद की समस्या को दूर किया जा सके। लोकसभा में राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव, जयप्रकाश नारायण यादव, अधीर रंजन चौधरी आदि के पूरक प्रश्नों के उत्तर में जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने कहा कि यह सचाई है कि गंगा नदी में गाद एक बड़ी समस्या है। इस संबंध में साल 2002 में मित्तल समिति का गठन किया गया था लेकिन उसकी रिपोर्ट धूल खाती रही। हमने माधव चिताले समिति बनाई और उसने रिपोर्ट पेश की । हमने इस रिपोर्ट को बिहार सरकार को दिखाया । बिहार के मुख्यमंत्री ने इसके बारे में कुछ सुझाव भी दिए।
उन्होंने कहा कि भारत में पहले परंपरा थी कि केवट, निषाद, धीमर समुदाय के लोग मानसून के बाद रेत की मूर्तियां बनाते थे और बाद में रेत निकालकर लोगों तक पहुंचाते थे। लेकिन समय के साथ नदी में रेत पर रेत माफिया का कब्जा हो गया। एेसे में इन समुदायों के हाथ से रेत का काम चला गया। उमा ने कहा कि मोदी सरकार नदी से गाद साफ करने को प्रतिबद्ध है और हम गंगा नदी के मॉडल को अन्य नदियों में गाद साफ करने में उपयोग करेंगे। जल संसाधन राज्य मंत्री संजीव बाल्यान ने कहा कहा कि सरकार बिहार एवं पश्चिम बंगाल सरकार के प्रतिनिधयों एवं केंद्र की सहभागिता वाली एक समिति जल्द बनाने जा रही है ताकि फरक्का समेत अन्य स्थानों पर गाद की समस्या को राज्यों के सहयोग से दूर किया जा सके।
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