शर्मसार: बेटी की लाश कंधे पर उठा 2 किलोमीटर तक चला पिता, कोई नहीं आया मदद को आगे

punjabkesari.in Wednesday, Oct 18, 2017 - 03:30 PM (IST)

पटना: बिहार की राजधानी पटना से सटे फुलवारीशरीफ में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। रामबालक नाम का एक आदिवासी अपनी बेटी का इलाज कराने के लिए जमुई से मंगलवार को पटना के एम्स पहुंचा। रामबालक जमुई में मजदूरी करता है। वह अपनी पत्नी के साथ एम्स में अपनी बेटी के इलाज के लिए आया था लेकिन वहां उसके साथ जो हुआ वो झकझोर देने वाला है। रामबालक जैसे ही एम्स पहुंचा तो वहां अस्पताल के बाहर गेट पर खड़े गार्ड ने बेटी का पंजीकरण करवाने को कहा लेकिन उसे समझ नहीं आ रहा था कि पंजीकरण कहां करवाना है और कैसे करवाना है।

वह इसी चक्कर में एक काउंटर से दूसरे काउंटर तक भटकता रहा लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की और न ही समझाया कि उसे कहां जाना। वह अपनी बीमार बेटी का भी हवाला देता रहा लेकिन न कोई डॉक्टर और न ही कोई कर्मचारी उसकी मदद के लिए आगे आया। एक असहाय पिता जब तक सही काउंटर पर पहुंचा तब तक ओपीडी का समय खत्म हो गया और उसे अगले दिन आने को कहा गया। तभी उसकी बेटी की हालत और ज्यादा खराब हो गई और अस्पताल के अंदर ही उसने दम तोड़ दिया।

इतने में भी रामबालक की मुश्किलें कम नहीं हुईं। उसके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह बेटी का शव एंबुलेंस से घर ले जा सके। जब उसे कुछ समझ नहीं आया तो बेटी का शव कंधे पर रख कर अपनी पत्नी के साथ 2 किलोमीटर तक चलता हुआ फुलवारीशरीफ टेंपो स्टैंड पहुंचा। वहां से वह किसी तरह पटना रेलवे स्टेशन आया और ट्रेन से अपनी बेटी का शव लेकर जमुई गया।


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