श्रीनगर-अनंतनाग उपचुनाव : डर के साये में हो रहा है कम चुनाव प्रचार

punjabkesari.in Monday, Mar 20, 2017 - 01:02 PM (IST)

श्रीनगर : अनंतनाग और श्रीनगर लोकसभा सीटों के लिए अगले महीने उपचुनाव से पहले दक्षिण कश्मीर के अधिकांश गांवों में के अंदर राजनीतिक गतिविधियां और चुनाव माहौल जमीनी स्तर पर लगभग गायब है। इस क्षेत्र में हिंसा की आशंका के चलते अधिकांश राजनीतिक पार्टियां स्वतंत्र रुप से चुनाव प्रचार करने में असमर्थ हैं और सुरक्षा के भय के कारण लोग भी राजनीतिक गतिविधियों में बेहद कम शामिल हो रहे हैं।
अनंतनाग शहर के एक निवासी फिरदोस अहमद डार ने कहा कि वह दक्षिण कश्मीर के किसी भी जिला में किसी भी प्रमुख राजनीतिक नेता को जनसभा का आयोजन करते नही देख रहे हैं। वह सिर्फ डाक बंंगलों और जिला पार्टी मुख्यालयों में पार्टी कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं। चुनाव का माहौल गायब है। ऐसा युवकों जो इस बार बेहद गुस्से में है से हिंसा के खतरे की वजह से हो रहा है।


अगले माह है चुनाव
अगले महीने 8 और 12 अप्रैल को चुनाव से पहले सिर्फ तीन सफ्ताह बचे हैं लेकिन दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, कुलगाम, शोपियां और यहां तक कि अनंतनाग में किसी भी राजनीतिक पार्टी ने पूर्ण तौर पर चुनाव प्रचार शुरु किया है। पिछले साल 7 जुलाई को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में हिजबुल आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद इन चार जिलों में सबसे ज्यादा अशांति रही।
कुछ दिनों पहले पूर्व मुख्यमंत्री और नैशनल कांफ्रैंस (नैकां) के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि यह तथ्य कि दक्षिण कश्मीर में राजनीतिक गतिविधियों को ज्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जो एक सच्चाई है। उमर ने कहा था कि हमने अभी तक चुनाव प्रचार शुरु नहीं किया। नैकां और कांग्रेस दोनो पार्टियां राज्यभर में कम स्तरीय राजनीतिकों बैठकों और गतिविधियों का आयोजन कर रहे हैं। नैकां और कांग्रेस की चिंता यह है कि सुरक्षा के अभाव के कारण चुनाव प्रचार कैसे करें।


मुठभेड़ों में बढ़ोत्तरी
हालांकि, दक्षिण कश्मीर में कानून व्यवस्था स्थिति में सुधार हुआ है लेकिन सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ों की संख्या में वृद्धि और मुठभेड़ों के बाद हिंसा ने दक्षिण कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया को लेकर माहौल फिर कठिन हो हो गया है।


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