द्राबु ने तोड़ी चुप्पी, मुझे बिना बताए छीन लिया मंत्री पद

punjabkesari.in Wednesday, Mar 14, 2018 - 12:47 PM (IST)

श्रीनगर : सत्तारुढ़ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पी.डी.पी.) के वरिष्ठ नेता हसीब द्राबु ने मंगलवार को चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि प्रदेश के वित्त मंत्री के पद से बर्खास्त किए जाने के बारे में उनको सूचित नहीं किया गया। यह फैसला जिस तरीके से उनको बताया गया वह उनके लिए चौंकाने वाला था। द्राबु ने कहा कि उन्हे अपना पक्ष रखने के लिए कोई मौका नहीं मिला और उन्हें पार्टी के फैसले के बारे में मीडिया के माध्यम से पता चला। हालांकि, उन्हे किसी के खिलाफ कोई रोष नहीं हैं। 


बता दें कि कश्मीर की समस्या को एक सामाजिक विषय बताने के बाद जम्मू.कश्मीर सरकार के वित्त मंत्री हसीब द्राबू को अब सरकार से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। बयान की प्रतिक्रिया के रूप में पार्टी की ओर से जो कार्रवाई हुई है, उसके बाद द्राबू सरकार के वित्त मंत्री के पद से हटा दिए गए। 2015 में जम्मू-कश्मीर के वित्तमंत्री बने द्राबू को उस कोर टीम का हिस्सा माना जाता रहा है, जिसने राज्य में बीजेपी-पीडीपी के गठबंधन की प्रक्रिया में एक बड़ी भूमिका अदा की थी।


जेके बैंक के सीईओ थे द्राबू
एक बड़े अर्थशास्त्री और जम्मू-कश्मीर बैंक के पूर्व सीईओ द्राबू ना सिर्फ इस गठबंधन के अग्रदूतों में से एक रहे हैं, बल्कि उन्हें घाटी में सेन्ट्रल स्पॉन्सर्ड स्कीम्स के कुशल क्रियान्वन के लिए भी जाना जाता है। एक बयान में द्राबु ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि उन्हें बर्खास्त किए जाने पर पार्टी का फैसला स्वीकार है और समझ आया लेकिन यह दर्दनाक था कि उन्हें मीडिया के माध्यम से इस फैसले के बारे में पता चला। साथ ही मुझे मेरे भाषण के संदर्भ और सामग्री को स्पष्ट करने का मौका नहीं मिला। 

महबूबा का प्रकट किया आभार
द्राबु जो भाजपा नेतृत्व के करीब थे ने पी.डी.पी. के मिशन को पूरा करने के लिए योगदान देना का अवसर दिए जाने के लिए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का आभार व्यक्त किया। इसके बावजूद मैं मुफ्ती मोहम्मद सईद और महबूबा मुफ्ती का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने जम्मू कश्मीर और आसपास के संकटग्रस्त हालात के समाधान के लिए पार्टी संरक्षक के दृष्टि को पूरा करने में योगदान देने का मुझे अवसर दिया। उन्होंने याद दिलाया कि मेरा पी.डी.पी. के साथ संबंध उस समय से है जब मैं औपचारिक रुप से राजनीति में नहीं था। पी.डी.पी. संस्थापक और संरक्षक के साथ जिस तालमेल का आनंद मैंने लिया वह मैं अपनी पूरी जिन्दगी तक याद रखुंगा। उन्होंने कहा कि मुफ्ती मोहम्मद सईद ने जो अविश्वासपूर्ण विश्वास मुझ पर दिखाया और विश्वास का रिश्ता जो हमनें साझा किया इस स्थिति को सहन करने के लिए वह मेरी ताकत है।


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