डिप्टी CM मनीष सिसोदिया को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट केस में राहत

punjabkesari.in Sunday, Apr 30, 2017 - 03:52 PM (IST)

नई दिल्ली: चुनाव आयोग का कहना है कि दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री द्वारा कथित तौर पर लाभ का पद रखने के चलते उन्हें विधायक पद के लिए अयोग्य करार देने की मांग वाली याचिका में कोई दम नहीं है। हाल ही में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भेजी गई एक सिफारिश में आयोग ने कहा कि उपमुख्यमंत्री होने के कारण सिसोदिया को विधायक पद के लिए अयोग्य करार नहीं दिया जा सकता। आयोग ने कहा कि कई राज्यों में उप मुख्यमंत्री के पद हैं और इसे लाभ का पद नहीं माना जा सकता।

आयोग के कार्यकर्ता ने कहा, ‘‘उन्हें इस आधार पर अयोग्य करार नहीं दिया जा सकता। राष्ट्रपति को सिफारिश भेज दी गई है।’’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर राष्ट्रपति को कोई ‘अधिकार नहीं’ है और वह चुनाव आयोग की सिफारिश से ‘बंधे’ हैं।  पिछले साल भाजपा के नेता विवेक गर्ग ने सिसोदिया को अयोग्य करार देने की मांग करने वाली याचिका के साथ राष्ट्रपति से संपर्क किया था। तय प्रक्रिया के अनुसार, मामला आयोग को भेज दिया गया था।

आयोग पहले से ही आप के विधायकों द्वारा लाभ के पद रखने से जुड़े दो अलग-अलग मामलों की सुनवाई कर रहा है। पहला मामला आप के 21 विधायकों से जुड़ा है और अंतिम चरण में है। अन्य मामला 27 विधायकों से जुड़ा है और प्रारंभिक चरण में है। संविधान का अनुच्छेद (1)(ए) संसद या विधानसभा या विधान परिषद के किसी भी सदस्य द्वारा लाभ का पद रखने पर उसे सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराने का आधार बनाता है। अयोग्य करार दिया जाना विधायिका और कार्यपालिका की शक्तियों को अलग-अलग रखने के सिद्धांत के उल्लंघन का नतीजा है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News