वैज्ञानिक के शव के साथ 7 दिन से रह रहे थे भाई-बहन, सच्चाई जान रह गया हर कई हैरान

punjabkesari.in Friday, Sep 08, 2017 - 06:25 PM (IST)

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना देखने को मिला जहां घर में एक वैज्ञानिक के साथ शव के साथ उसके भाई-बहन पिछले सात दिन से रह रहे थे लेकिन इसकी खबर किसी को भी नहीं लगी। शुक्रवार को जब न्यूक्लियर साइंस डिपार्टमेंट के कुछ स्टॉफ के सदस्य मिलने आए तो यशवीर सूद नाम के वैज्ञानिक की बहन ने उनको घर में घुसने नहीं दिया। संदेह होने पर कर्मचारियों ने जब पुलिस को बुलाया तो कमरे के एक बेड पर वैज्ञानिक का सड़ा हुआ शव देख हर किसी के होश उड़ गए। 

2015 में ही रिटायर हुए थे यशवीर
यशवीर सूद न्यूक्लियर साइंस डिपार्टमेंट में प्रिंसिपल साइंटिस्ट के पद पर थे और साल 2015 में ही रिटायर हुए थे। उनके साथ भाई हरीश और बहन कमला भी रहते थे। दोनों ही मानसिक रूप से कमजोर बताए जा हैं।  बताया जाता है कि जब से यश्वीर सूद रिटायर हुए हैं उन्होंने अपनी ग्रैचुटी और पेंशन के पैसे निकाले ही नहीं। इसी संबंध में उनसे बात करने के लिए कुछ कर्मचारी गुरुवार की सुबह उनके घर पहुंचे। कर्मचारियों ने जब कमला से वैज्ञानिक यशवीर से मिलने की बात कही तो उसने सभी कर्मचारियों को वहां से चिल्लाते हुए वहां से भगा दिया। कमला का यह बर्ताव कर्मचारियों को समझ में नहीं आया। इसी के साथ कर्मचारियों को घर के अंदर से काफी बदबू भी आ रही थी।

कर्मचारियों ने दर्ज कराई पुलिस में शिकायत
इसके बाद कर्मचारियों ने तुंरत पुलिस को इस बात की शिकायत दर्ज कराई। जब मौके पर पुलिस पहुंची तो परिवार वालों ने पुलिस क घर के भीतर नहीं आने दिया, काफी विरोध के बाद पुलिस घर के भीतर दाखिल हुई, जहां यशवीर सूद का शव काफी हद तक सड़ चुका था और यह एक पलंग पर पड़ा हुआ था।  पुलिस ने जांच में पाया की वैज्ञानिक का शव सात दिन पुराना था, जो काफी सड़ चुका था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर यशवीर के भाई और बहन को इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया है। 

सूद के पिता भी थे इसी संस्थान में वैज्ञानिक
पश्चिम जिले के पुलिस उपायुक्त विजय कुमार ने बताया कि ऐसा संदेह है कि थोड़े दिन पहले सूद की कुपोषण की वजह से मौत हो गयी होगी लेकिन उनके दो छोटे भाई-बहन हरीश और कमला ने किसी को भी सूद की मौत के बारे में सूचित नहीं किया। हरीश और कमला दोनों मानसिक रूप से अस्थिर बताये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सूद 31 मार्च को पूसा इंस्टीट््यूट के परमाणु विज्ञान विभाग से प्रधान वैज्ञानिक के तौर पर सेवानिवृत्त हुये थे। वह 62 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त हुए थे और अपने छोटे भाई-बहन के साथ एक खाली पड़े सरकारी मकान में रह रहे थे। उन्होंने कहा कि पुलिस उनके परिवार के किसी अन्य सदस्य का पता नहीं लगा सकी है। सूद के पिता भी इसी संस्थान में वैज्ञानिक थे। पुलिस को पता चला है कि सूद शराब पीते थे और अपनी सेवानिवृत्ति से पहले बेहद डिप्रेशन में थे। पुलिस ने सूद के भाई-बहन को ‘ मानव व्यवहार एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान’ (इहबास) में भर्ती कराया है। सूद ने अपने पेंशन या ग्रेच्यूटी फंड से एक रुपया तक नहीं निकाला था।  


 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News