JDU दो फाड़ः नीतीश की NDA में वापसी, शरद यादव के समर्थकों का हंगामा

punjabkesari.in Saturday, Aug 19, 2017 - 03:11 PM (IST)

पटना: जनता दल यूनाइटेड में अब नीतीश कुमार और शरद यादव खेमे में दो फाड़ होता हुआ दिखाई दे रहा है। नीतीश कुमार के करीब चार साल के बाद भारतीय जनता पार्टी  (भाजपा) की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल होने के साथ ही दोनों खेमों में विवाद खुलकर सामने आ गया।


 

आपस में भिड़े समर्थक
दोपहिया वाहन पर सवार शरद यादव के समर्थक पटना हवाई अड्डे से उन्हें एस्कोर्ट करते हुए ‘जनअदालत कार्यक्रम’ स्थल एस.के. मेमोरियल हाल जा रहे थे। मुख्यमंत्री आवास के समीप आने पर वे शरद यादव के पक्ष में नारेबाजी करने लगे। शरद को एस्कोर्ट कर रहे उनके समर्थकों में से कुछ के हाथों में डंडे थे और उन्होंने हवा में बेल्ट भी लहराया तथा मुख्यमंत्री आवास एक अण्णे मार्ग के भीतर प्रवेश करने की कोशिश की।  कुछ ही देर में नीतीश के समर्थक भी बड़ी संख्या में वहां पहुंच गए और उन्होंने शरद के समर्थकों को खदेड़ दिया। 

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नीतीश सर्वसम्मति से हुए राजग में शामिल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास पर आज पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जदयू के राष्ट्रीय महासचिव के. सी, त्यागी ने राजग में शामिल होने का प्रस्ताव रखा जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। बैठक में पंजाब और झारखंड समेत कई अन्य राज्यों के जदयू के प्रदेश अध्यक्ष भी मौजूद थे।पार्टी के इस फैसले के साथ ही चार साल बाद जदयू की राजग में वापसी हो गई। पिछले लोकसभा चुनाव से पूर्व भाजपा की ओर से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के विरोध में जदयू जून 2013 को राजग से अलग हो गया था। इसके बाद जदयू ने लोकसभा का चुनाव अकेले अपने दम पर लड़ा लेकिन उस चुनाव में  उसके दो ही उम्मीदवार जीतने में सफल रहे। 
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20 माह चली महागठबंधन की सरकार 
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद जदयू ने राष्ट्रीय जनता दल(राजद) और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाकर वर्ष 2015 का विधानसभा चुनाव लड़ा जिसमें महागठबंधन को दो तिहाई से भी अधिक सीटों पर सफलता मिली। इस अपार जनसमर्थन के बल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने करीब 20 माह तक महागठबंधन की सरकार चलाई लेकिन भ्रष्टाचार तथा बेनामी सम्पत्ति के मामले में राजद नेता और तत्कालीन उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद जदयू की ओर से बार-बार अनुरोध किए जाने के बावजूद इस मामले में यादव की ओर से जनता के बीच स्थिति स्पष्ट नहीं किए जाने के कारण नीतीश कुमार ने 26 जुलाई को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। नीतीश कुमार इस्तीफे के 24 घंटे के अंदर ही भाजपा से नाता जोड़कर फिर से मुख्यमंत्री बन गए। इसके बाद नीतीश  जब पहली बार दिल्ली गए तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की थी। इसी दौरान शाह ने नीतीश को राजग में शामिल होने का न्योता दिया था।
 

 


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