ज्योतिष की सलाह से हुई राहुल के निर्वाचन की घोषणा

punjabkesari.in Monday, Dec 11, 2017 - 04:51 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भाजपा और नरेंद्र मोदी की सफलता के बाद कांग्रेस का भी ज्योतिष पर विश्वास बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। मंदिरों में दर्शन के बाद कांग्रेस के नव नर्विाचति अध्यक्ष राहुल गांधी के ताजपोशी की घोषणा भी इस बार ज्योतिष की सलाह से ही की गई लगती है। कांग्रेस ने सोमवार को दोपहर 3 बजकर 38 मिनट पर राहुल के अध्यक्ष बनने की घोषणा की है। इस दौरान मेष लग्न उदित हो रहा है जबकि चंद्रमा सूर्य के नक्षत्र उत्तराफाल्गुनी में है। राहुल के प्रधानपद की घोषणा के वक्त सूर्य की महादशा चल रही है और सूर्य ज्योतिष में सत्ता का कारक माना जाता है। हालांकि मेष लग्न के अस्थिर होने के कारण राहुल के बतौर प्रधान कार्यकाल के दौरान उतार चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। लेकिन समोवार दोपहर 3 बजकर 38 मिनट की कुंडली में लग्न का स्वामी मंगल सातवें भाव में जाकर लग्न को ही देख रहा है और इसके साथ ही बृहस्पति भी लग्न के स्वामी मंगल के साथ बैठा और उसकी सातवीं दृष्टि भी लग्न पर पड़ रही है। जिसे शुभ माना जाता है।

PunjabKesari
नवमांश कुंडली भी अच्छी
राजनीति में सहयोगियों के लिहाज से नवमांश कुंडली भी अच्छी लग रही है। नवमांश कुंडली में धनु लग्न उदित हो रहा है और लग्न का स्वामी बृहस्पति चौथे भाव में अपनी ही राशि मीन में चंद्रमा के साथ बैठा है जो नवमांश कुंडली को मजबूती दे रही है। नवमांश कुंडली में पांच ग्रह मंगल, शुक्र, बुद्ध, चंद्रमा और बृहस्पति केंद्र में है। ये स्थिती भी किसी भी कुंडली के लिए शुभ मानी जाती है। इससे साफ संकेत मिल रहा है कि आने वाले समय में गठबंधन सहयोगियों में राहुल की स्वीकार्यता बढ़ सकती है।

हालांकि लग्न कुंडली के चौथे भाव में राहू के आने के चलते राहुल की लोकप्रियता जनता में कम होने की आशंका है। चौथे भाव को राजनीति में जनता का भाव माना जाता है। इसी तरह 10 वें भाव में पड़ा केतु भी राहुल के लिए कर्म क्षेत्र (राजनीति) में समस्याएं खड़ी कर सकता है। हालांकि ज्योतिष के कई जानकारों का मनाना है कि राहुल के बतौर अध्यक्ष कार्यकाल की सफलता या असफलता 16 दिसंबर की उस लग्न कुंडली पर निर्भर करेगी जिस वक्त राहुल अध्यक्ष पद संभालेंगे।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News