बिहार दिवस: राज्य बने हो चुके हैं 105 साल पूरे, नीतीश ने दी बधाई

punjabkesari.in Wednesday, Mar 22, 2017 - 02:24 PM (IST)

Bihar Diwas In Hindi :  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज बिहार दिवस के अवसर पर राज्य के लोगों और देशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। कुमार ने कहा, हमें आशा है कि बिहार निरंतर प्रगति, समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ता रहेगा। बिहारवासी आपसी एकता, भाईचारा, सामाजिक समरसता एवं धार्मिक सद्भाव बनाए रखेंगे।


बिहार ऐसे बना अलग राज्य

22 मार्च 1912 को बिहार को बंगाल प्रेसिडेंसी से अलग कर राज्य बनाया गया था। इसलिए राज्य सरकार प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को बिहार दिवस मनाती है। आज बिहार को अलग राज्य बने 105 साल पूरे हो चुके हैं।


बिहार से मिला देश को पहला राष्ट्रपति

देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद काफी साल पहले ही दुनिया को अलविदा कह दिया था। राजेंद्र बाबू को देशरत्न के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने 26 जनवरी 1950 से 14 मई 1962 तक देश का पहले राष्ट्रपति के तौर पर कार्यभार संभाला। राजेंद्र बाबू का जन्म 3 दिसंबर 1884 को बिहार के जीरादेई नामक गांव में हुआ था। राजेंद्र बाबू बतौर राष्ट्रपति 150 दिन ट्रेन की यात्रा करते थे और छोटे-छोटे स्टेशनों पर रुककर लोगों से मुलाकात करते थे। राजेंद्र बाबू संविधान सभा के पहले अध्यक्ष भी रहे हैं।


मगध से बना बिहार

बिहार नाम का प्रादुर्भाव संभवत: बौद्ध विहारों के विहार शब्द से हुआ है जिसे विहार के स्थान पर इसके विकृत रूप बिहार से संबोधित किया जाता है। यह क्षेत्र गंगा नदी तथा उसकी सहायक नदियों के उपजाऊ मैदानों में बसा है। बिहार को मगध के नाम से भी जाना जाता था। वहीं, बिहार की राजधानी पटना का पहला नाम पाटलिपुत्र है। बिहार के उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और दक्षिण में झारखंड स्थित है।


बिहार का इतिहास

बिहार का आधुनिक इतिहास 1857 के प्रथम सिपाही विद्रोह में बिहार के बाबू कुंवर सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1912 में बंगाल का विभाजन के फलस्वरूप बिहार नाम का राज्य अस्तित्व में आया। 1935 में उड़ीसा इससे अलग कर दिया गया। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बिहार के चंपारण के विद्रोह को, अंग्रेजों के खिलाफ बगावत फैलाने में अग्रगण्य घटनाओं में से एक गिना जाता है। स्वतंत्रता के बाद बिहार का एक और विभाजन हुआ और सन 2000 में झारखंड राज्य इससे अलग कर दिया गया। भारत छोड़ो आंदोलन में भी बिहार की गहन भूमिका रही।


बिहार का क्षेत्रफल

राज्य का कुल क्षेत्रफल 94,163 वर्ग किलोमीटर है जिसमें 92,257.51 वर्ग किलोमीटर ग्रामीण क्षेत्र है। बिहार की जनसंख्या लगभग 10,38,04637 करोड़ है। झारखंड के अलग हो जाने के बाद बिहार की भूमि मुख्यत: नदियों के मैदान एवं कृषियोग्य समतल भूभाग है। आर्थिक स्थितिदेश के सबसे पिछड़े औद्योगिक क्षेत्रों में से एक बिहार के लोगों का मुख्य आयस्त्रोत कृषि है। इसके अतिरिक्त असंगठित व्यापार, सरकारी नौकरियां और छोटे उद्योग धंधे भी आय के स्त्रोत हैं। सरकार के निरंतर प्रयास से अब स्थिति बदल रही है। बिहार की लगभग 75 प्रतिशत जनसंख्या कृषि कार्य में संलग्न है। 20वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में खनन व विनिर्माण में में उल्लेखनीय उपलब्धि के बाबजूद बिहार प्रति व्यक्ति आय के मामले में देश में सबसे आखिर में है और राज्य की लगभग आधी आबादी प्रशासनिक तौर पर गरीबी रेखा के नीचे है।


बिहार शिक्षा का सर्वप्रमुख केन्द्र था

बिहार शिक्षा के सर्वप्रमुख केन्द्रों में गिना जाता था। नालंदा विश्वविद्यालय, विक्रमशिला विश्वविद्यालय और ओदंतपुरी विश्वविद्यालय प्राचीन बिहार के गौरवशाली अध्ययन केंद्र थे। प्रशासनिक व्यवस्था प्रशासनिक सुविधा के लिए बिहार राज्य को 9 प्रमंडल तथा 38 मंडल (जिला) में बांटा गया है। जिलों को क्रमश: 101 अनुमंडलों, 534 प्रखंडों, 8,471 पंचायतों, 45,103 गांवों में बांटा गया है।


बिहार का लोकप्रिय व्यंजन लिट्ठी-चोखा

बिहार की पहचान उसके खास ज़ायकों से भी है। नालंदा जैसी ऐतिहासिक शिक्षण व्यवस्था के चलते दुनिया भर में पहचान बनाने वाले बिहार प्रदेश में ऐसे कई लज़ीज व्यंजन हैं, जो स्वाद के मुरीदों का दिल जीतने का दम रखते हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Seema Sharma

Recommended News

Related News