संघ-BJP समन्‍वय बैठक में उठा राम मंदिर का मुद्दा

punjabkesari.in Wednesday, Sep 02, 2015 - 06:23 PM (IST)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) एवं उसके अनुषांगिक संगठनों की तीन दिवसीय समन्वय बैठक के पहले दिन राम मंदिर और अनुच्छेद 370 का मुद्दा प्रमुखता से उठा। बैठक में विहिप ने राम मंदिर का मुद्दा का उठाते हुए कहा कि इस मुद्दे पर जनता के बीच गलत संदेश जा रहा है। मामले में सरकार को सकारात्मक तरीके से आगे बढऩा चाहिए। इस बैठक में मोदी सरकार के तीन दिग्गज राजनाथ सिंह, अरुण जेटली व सुषमा स्वराज भी मौजूद थे। पीएम नरेंद्र मोदी खुद तीसरे दिन यानी शुक्रवार को बैठक में शामिल होंगे। यह बैठक बिहार विधानसभा चुनाव, संसद में लटके नरेंद्र मोदी सरकार के सुधारवादी विधेयक जीएसटी, भूमि संशोधन, रियल एस्टेट आदि को लेकर यह अहम है। 
 
आरएसएस के प्रवक्ता मनमोहन वैद्य के अनुसार इस तीन दिवसीय विचार मंथन में समाज में पिछले कुछ महीनों में चल रहे समसामयिक विषयों पर बात होगी जिनमें धर्म आधारित जनगणना, वन रैंक वन पेंशन और गुजरात में पटेल आरक्षण, देश की अर्थव्यवस्था के विषय होंगे। सूत्रों के अनुसार बैठक में संघ एवं उसके 15 अनुषांगिक संगठनों एवं समान विचारधारा पर काम करने वाले संगठनों के प्रमुख कार्यकर्ता तथा संघ के करीब 25 वरिष्ठ कार्यकर्ता शामिल होगें। इनकी कुल संख्या 93 होगी।   
 
बैठक में मोदी सरकार के कामकाज की समीक्षा नहीं की जाएगी अलबत्ता मोदी सरकार के कामकाज पर देश के विभिन्न वर्गों की राय को जाना जाएगा और सरकार को उससे अवगत कराया जाएगा ताकि सरकार समाज की सोच के अनुरूप अपनी दिशा खुद तय कर सके।  सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी एक या दो सत्रों में मौजूद रह सकते हैं जबकि विभिन्न मंत्रियों के अलग अलग विषयों पर आयोजित सत्रों में आने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि राजनीति को झकझोरने वाले विषय जैसे व्यापम घोटाले, ललित मोदी प्रकरण, काला धन, आदि ऐसे मुद्दों पर चर्चा नहीं होगी जो सरकारी एजेंसियों द्वारा जांच के दायरे में हैं अथवा अदालतों के विचाराधीन हैं। इसी प्रकार सीमा पार आतंकवाद एवं पाकिस्तान के साथ संबंधों के विषय बैठक के एजेंडे में नहीं है।  
 
सूत्रों के अनुसार इस बार बैठक का आकार कुछ बड़ा होगा। चूंकि संघ में हाल के दिनों में लोगों की भागीदारी भी बढ़ी है। सूत्रों के अनुसार संघ की शाखाओं में नियमित रूप से आने वाले लोगों की संख्या एक वर्ष से 85 हजार से बढ़कर करीब एक लाख 15 हजार हो गई है।
 

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