तनाव के कारण पैदा होती है त्वचा में सोरायसिस जैसी बीमारी
punjabkesari.in Thursday, May 28, 2015 - 08:55 AM (IST)
पटना : त्वचा में सोरायसिस (हाथ-पैर में चमड़े की परत छूटना) ठहाका या जोर से हंसने से काफी कम हो जाता है । यह बीमारी सबसे अधिक तनाव के कारण होती है। सबसे अधिक युवा इस बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं । बिहार में इस बीमारी से पीड़ितों की संख्या लगभग 56 लाख है । पी.एम.सी.एच. के चर्म रोग विभाग में 300 मरीजों पर किए गए अध्ययन के बाद पता चला कि सोरायसिस में कोशिकाएं टूटने लगती हैं जिससे त्वचा की ऊपरी परत में सूखापन आ जाता है ।
त्वचा का परत छोडऩे लगता है । अध्ययन में पाया गया कि ठहाका लगाने पर नसों का टूटना कम हो जाता है । यह रक्त संचार तेज होने से होता है । पी.एम.सी.एच. में 300 मरीजों में 30 ऐसे हैं जिन्होंने ठहाका, जोर से हंसने, योग करने से इस बीमारी पर नियंत्रण पाया है । बीमारी सबसे पहले कोहनी, सिर और घुटने में होती है । इसके बाद यह पूरे शरीर में फैलना शुरू हो जाती है ।
अमरीकी विशेषज्ञों ने दी थी जानकारी
2 साल पूर्व ठहाका से सोरायसिस कम होने की जानकारी अमरीकी विशेषज्ञों ने लगाया था । फिर अमरीका में ऐसे मरीजों को लॉफिंग क्लबों में जाने की सलाह दी गई । यह काफी कारगर हुआ । इसके बाद एम्स नई दिल्ली और रिम्स रांची में विशेषज्ञों ने अलग-अलग अध्ययन किया । इसी आधार पर पी.एस.सी.एच. में भी 300 मरीजों का अध्ययन किया ।
युवा अधिक पीड़ित
300 सोरायसिस पीड़ितों में सबसे ज्यादा 183 युवा हैं । इन्हें यह बीमारी तनाव, अनियमित दिनचर्या, हाइपरटैंशन और रोग प्रतिरोधी क्षमता कम होने के कारण हुई है ।
56 लाख लोगों बिहार में इस बीमारी से हैं पीड़ित
यह ऐसी बीमारी है जिसकी दवा लम्बे समय तक चलती है । ठहाका, जोर से हंसना, योग इसका बेहतर उपचार हैं । मरीजों को ऐसा करने की सलाह दी जा रही है ।
- डा. अमरकांत झा, चर्म रोग विशेषज्ञ, पी.एम.सी.एच.
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