उत्तराखंड: बादल फटने से 17 की मौत, सेना के 8 जवानों सहित 25 लापता

punjabkesari.in Tuesday, Aug 15, 2017 - 03:15 AM (IST)

देहरादून: भारत-चीन व नेपाल सीमा से सटे पिथौरागढ़ जिले के दुंगदुंग व मालपा में सोमवार तड़के बादल फटे जिससे स्थानीय नालों ने करीब 18 कि.मी. क्षेत्र में व्यापक तबाही मचाई। मालपा व घटियाबगड़ में सेना के ट्रांजिट कैंप पूरी तरह तबाह हो गए। 

मलबे में दबकर 17 लोगों की मौत हो गई जबकि 25 से अधिक लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। मृतकों में सेना के एक जे.सी.ओ. भी शामिल हैं जबकि लापता लोगों में 2 जे.सी.ओज सहित 8 जवान बताए जा रहे हैं। सड़क व पुल बह जाने के कारण प्रशासन व राहत टीमें अब भी रास्ते में ही फंसी हैं। स्थानीय लोगों के साथ सेना व आई.टी.बी.पी. के जवान राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। मालपा से लेकर घटियाबगड़ तक 3 होटल, 4 दुकानें और सिमखोला में 1 मोटर पुल बह गया है। घटियाबगड़ में सेना के 3 ट्रकों सहित आधा दर्जन वाहन व साजोसामान बह गया है। अलबत्ता प्रशासन ने महज 6 की मौत और 11 लोगों के लापता होने की बात कही है। 

सोमवार तड़के करीब 2.45 बजे 7 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर दुंगदुंग में बादल फटने की पहली घटना हुई। इसी दौरान मालपा में भी बादल फट गया जिससे ननगाड़ और ठुलगाड़ व मालपा नाला उफान पर आ गए। इन नालों के प्रवाह से सिमखोला नदी विकराल हो गई। नतीजतन मालपा में 3 होटल बह गए जबकि घटियाबगड़ में आर्मी ट्रांजिट कैंप तबाह हो गया। कैंप में सो रहे जवानों ने पहाड़ी पर चढ़कर जान बचाई। 

मालपा व घटियाबगड़ में अभी तक मलबे से 6 शव ही बरामद किए जा सके हैं। कुछ क्षत-विक्षत अंग भी मिले हैं। बरामद शवों में एक सेना का जे.सी.ओ. बताया जा रहा है। शवों के क्षत-विक्षत होने से शिनाख्त नहीं हो पा रही है। पिथौरागढ़ जिले के मालपा में भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा को रोक दिया गया है। सी.एम. त्रिवेंद्र रावत हैलीकॉप्टर से पिथौरागढ़ पहुंचे। यहां उन्होंने हवाई पट्टी में डी.एम. से घटनाक्रम की जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने आपदाग्रस्त क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण भी किया। 


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