अमरीका ने उत्तर कोरिया के चारो तरफ कसा शिकंजा,  युद्ध सामग्री में किया इजाफा

punjabkesari.in Tuesday, Nov 14, 2017 - 03:28 PM (IST)

वॉशिंगटनः उत्तरी कोरिया-अमरीका के बीच चल रही जुबानी जंग से पूरी दुनिया वाकिफ है। लेकिन चीन दौरे के बाद से अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बिल्कुल शांत है। कहा जा रहा है कि चीन में  ट्रंप के भव्य स्वागत से उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन हैरान है और उसे चीन-अमरीका की गहराती दोस्ती हज़म नहीं हो रही है। जबकि दूसरी ओर आशंका जताई जा रही है कि ये तूफान से पहले की शांति तो नहीं है।  कहीं अमरीका आने वाले समय में कोई बड़ा कदम तो नहीं उठाने वाला है।

उत्तर कोरिया से तनातनी के बीच अमरीका  दवाब बनाने में  कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।  रणनीतिक तौर पर समझें तो उत्तरी कोरिया को अमरीका और दक्षिणी कोरिया ने चौ-तरफा घेर रखा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमरीका ने हाल ही में युद्ध सामग्री में 10% का इज़ाफा किया है।  इस वक्त 8,16,393 सैन्य हथियार वहां मौजूद हैं। इन हथियारों की कीमत 9.5 करोड़ डॉलर है। वहां मौजूद एंडरसन एयरफोर्स बेस, अमरीका का सबसे बड़ा फ्यूल और गोला बारूद स्टोरेज है।  उत्तरी कोरिया पहले भी लगातार गुआम द्वीप पर हमले की धमकियां दे चुका है।  उ. कोरिया भी जानता है कि रणनीतिक तौर पर ये द्वीप कितना अहम है। 

अमरीकी वायु और नौ-सेना दोनों ही हमले के अलर्ट मोड पर हैं।  जापानी सागर से गुआम द्वीप तक अमरीका पूरी तरफ शिकंजा कस चुका है । एक दशक में ऐसा पहली बार ऐसा हुआ है कि  अमरीका के तीन एयरक्राफ्ट कैरियर संयुक्त युद्धाभ्यास में शामिल हुए हैं। ये युद्धाभ्यास उत्तरी कोरिया को जताने के लिए काफी है कि अमरीका किस कदर तैयार है।  इसके अलावा दक्षिण कोरिया के बुसान शहर के नज़दीक अमरीकी सबमरीन किसी भी हालात के लिए तैयार हैं. इनमें क्रूज़ मिसाइल और न्यूक्लियर हथियारों से लैसे सबमरीन USS मिशिगन भी शामिल है।

नौ-सेना के साथ अमरीकी वायुसेना ने गुपचुप अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।  जापान में स्थित कडिना एयरबेस, ओकिनावा अमेरिका के लिए खास रणनीतिक स्थान है।इसी महीने नवंबर में अमरीकी एयरफोर्स ने अपने 12 F-35A फाइटर जेट्स को तैनात किया है जो किसी भी हालात में नॉर्थ कोरिया पर हवाई हमले के लिए तैयार हैं। इसके अलावा जापान में ही स्थित इवाकुनि मरीकी वायुसेना का एयरबेस है, जहां 16 अमरीकी F-35A फाइटर जेट्स तैनात हैं। इस एयरबेस की उ. कोरिया से दूरी काफी कम है।रणनीतिक नज़रिए से देखा जाए तो अमरीका और उत्तर कोरिया दोनों के लिए गुआम द्वीप काफी महत्वपूर्ण है। गुआम पर अमरीका का कब्ज़ा है।  सैन्य नज़रिए से गुआम अमरीका का मिलिट्री बेस है  जहां बड़ी तादाद में अमरीकी हथियार और गोला बारूद मौजूद है।


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