फारूक अब्दुल्ला का ‘अटपटा बयान’ ‘पाक की बर्बादी के लिए भारत जिम्मेदार’

punjabkesari.in Wednesday, Jan 17, 2018 - 12:39 AM (IST)

जम्मू-कश्मीर पर सर्वाधिक समय तक अब्दुल्ला परिवार और उनकी पार्टी नैशनल कांफ्रैंस का ही शासन रहा। अब्दुल्ला परिवार के तीन पीढिय़ों के सदस्य जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। सबसे पहले शेख अब्दुल्ला, फिर उनके पुत्र फारूक अब्दुल्ला और उसके बाद फारूक अब्दुल्ला के पुत्र उमर अब्दुल्ला प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।

फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला दोनों के ही भाजपा व कांग्रेस से संबंध रहे हैं। जहां वाजपेयी सरकार में  उमर अब्दुल्ला विदेश राज्यमंत्री रह चुके हैं, वहीं मनमोहन सिंह की कांग्रेस सरकार में फारूक अब्दुल्ला ऊर्जा मंत्री रहे।

कुछ समय से फारूक अब्दुल्ला विवादास्पद बयान दे रहे हैं। कुछ समय पूर्व उन्होंने पाक अधिकृत कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा करार दिया तथा गत 25 नवम्बर, 2017 को फिर पी.ओ.के. में भारत के दावे को लेकर कहा कि ‘‘पाक अधिकृत कश्मीर भारत की बपौती नहीं है।’’

और अब 15 जनवरी को श्रीनगर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि ‘‘पाकिस्तान की बर्बादी के लिए भारत ही जिम्मेदार है।’’

फारूक अब्दुल्ला का उक्त बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तानी सेना सीमा पार से गोलीबारी और आतंकवादियों की घुसपैठ करवाने की लगातार कोशिशें कर रही है।

परंतु ऐसा कहते हुए शायद वह भूल गए हैं कि पाकिस्तान की बर्बादी का कारण भारत नहीं बल्कि स्वयं पाकिस्तानी शासक ही हैं जिन्होंने अस्तित्व में आने के समय से ही भारत विरोधी रवैया अपनाए रखा है।

भारत से तीन-तीन युद्धों के बाद भी जब पाकिस्तान कुछ न पा सका तो नवाज शरीफ ने 21 फरवरी, 1999 को श्री वाजपेयी को लाहौर आमंत्रित करके आपसी मैत्री व शांति हेतु लाहौर घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए परंतु तत्कालीन सेनाध्यक्ष परवेज मुशर्रफ ने न तो श्री वाजपेयी को सलामी दी और न ही शरीफ द्वारा श्री वाजपेयी के सम्मान में दिए भोज में शामिल हुआ।

मई, 1999 में कारगिल पर हमला करके 527 भारतीय सैनिकों को शहीद करवाने के पीछे भी पाकिस्तान का ही हाथ था और इसमें पाकिस्तान के भी 700 सैनिक मारे गए थे। कारगिल के 19 वर्ष बाद भी पाकिस्तानी शासकों का भारत विरोधी रवैया जारी है। पाकिस्तानी सेना न सिर्फ भारत में घुसपैठ करवा रही है बल्कि अपने पाले हुए आतंकवादियों द्वारा कश्मीर में हिंसा और तोड़-फोड़ का सिलसिला भी जारी रखे हुए है।

पाकिस्तानी शासक आज भी इस तथ्य से आंखें मूंदे हुए हैं कि इस समय  पाकिस्तान वहां की सेना और आतंकवादियों के हाथों में बंधक बना बारूद के ढेर पर बैठा है और वहां रोज होने वाले धमाकों में अनगिनत लोगों की जानें जा रही हैं। पी.ओ.के. तथा गिलगित-बाल्तिस्तान में लगातार पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं।

1971 के युद्ध के परिणामस्वरूप पाकिस्तान का विभाजन और बंगलादेश का अस्तित्व में आना भी पाकिस्तान के तत्कालीन शासकों की दमनकारी नीतियों और महिलाओं पर अत्याचारों का ही परिणाम था तथा आज भी पाकिस्तान में वैसी ही निरंकुश और दमनकारी शासन प्रणाली जारी है।

एक ओर पाकिस्तानी सेना तथा उसके पाले हुए आतंकवादी भारत में अपनी गतिविधियां चला रहे हैं तो दूसरी ओर पाकिस्तान में भी ये आतंकवादी रोज धमाके कर रहे हैं। पुलिस, सेना, स्कूलों तथा पूजा स्थलों पर हमले हो रहे हैं। उत्तर-पश्चिम सीमा प्रांत में भी नेता लोग मारे जा रहे हैं।

ऐसे में यदि फारूक अब्दुल्ला ‘‘पाकिस्तान की बर्बादी के लिए भारत ही जिम्मेदार है’’  कहने की बजाय यह कहते तो ज्यादा अच्छा होता कि ‘‘अपनी बर्बादी के लिए पाकिस्तान ही स्वयं जिम्मेदार है।’’  पाकिस्तान आज जिस स्थिति में पहुंचा है उसके लिए सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तानी शासक और वहां की सेना ही जिम्मेदार है।

यहां तक कि पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने भी कभी यह नहीं चाहा था कि पाकिस्तान के टुकड़े हों लेकिन न सिर्फ बंगलादेश पाकिस्तान से अलग हुआ बल्कि इस समय भी पाकिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों उत्तर-पश्चिम सीमा प्रांत तथा सिंध आदि में इससे अलग होने की जबरदस्त आवाजें लगातार उठ रही हैं।       —विजय कुमार 


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