... तो इस वजह से डायबिटीज मरीज के शरीर में पनपती हैं 10 जानलेवा बीमारियां

punjabkesari.in Wednesday, Nov 15, 2017 - 03:00 PM (IST)

चंडीगढ़, (पाल) : हमारे वक्त में डायबिटीज के मरीज काफी कम ही आते थे। मुझे याद है जब मैंने अपने करियर की शुरूआत की थी उस वक्त एक या दो मरीज ही आते थे। यह कहना है पी.जी.आई. एंडोक्राइनोलॉजी विभाग की बुनियाद रखने वाले या यूं कहें कि भारत के पहले एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डा. आर.जे. डैश का। चंडीगढ़ प्रैस क्लब में मौजूद वर्ल्ड डायबिटीज डे पर डा. डैश ने बताया कि मॉडर्न लाइफ स्टाइल, बाहर का खाना व फिजिकली एक्टिव न रहना इसके बढऩे के कुछ कारणों में से हैं। पहले बच्चों में डायबिटीज नहीं होता था लेकिन अब बच्चों में भी टाइप-1 डायबिटीज सामने आ रही है। डा. डैश ने बताया कि डायबिटीज सिर्फ अकेली बीमारी नहीं है, बल्कि यह मरीज के शरीर में ही पनपने वाली 10 अन्य बीमारियों की वजह भी है। डायबिटीज का रोग शरीर के अन्य अंगों जैसे आंखें, दिल, किडनी, मस्तिष्क, मांसपेशियों व जोड़ों सहित अन्य भागों को भी प्रभावित करती है। फिजिकल वर्कआऊट व बेहतर लाइफ स्टाइल से इसके बढ़ते प्रसार को कम किया जा सकता है। वहीं इस दौरान मैक्स हॉस्पिटल के डा. एस.के. माथुर भी मौजूद रहे, जिन्होंने एंडोक्राइनोलॉजिस्ट के क्षेत्र में डा. डैश की उपलब्धियों के बारेे में कहा कि डायबिटीज मरीजों की बढ़ती संख्या को खुद डा. डैश ने देखा है। उन्होंने न सिर्फ पी.जी.आई. जैसे संस्थान में अपनी सेवाएं दीं, बल्कि मैक्स व अन्य कई अस्पतालों में भी एंडोक्राइनोलॉजी विभाग व डाक्टर्स को ट्रेंड किया, जिसकी बदौलत आज लोगों को डायबिटीज का बेहतर इलाज मिल रहा है। 


70 मिलियन लोगों को डायबिटीज :
डा. डैश ने बताया कि भारत में ही एक अनुमान के अनुसार 70 मिलियन लोग डायबिटीज से ग्रस्त हैं जबकि चीन जैसे देश में 10 मिलियन डायबिटीज रोगी है। पॉपुलेशन भले ही चीन की ज्यादा है लेकिन वहां भारत के मुकाबले रोगी कम हैं, क्योंकि वह अपनी सेहत के प्रति सजग हैं। विश्व में सबसे ज्यादा साइकिलों को निर्माण करने वाला देश चीन के लोगों की अधिकतर दिनचर्या साइकिल पर आधारित है, जो डायबिटीज को कम करने के मुख्य कारण है। उन्होंने बताया कि सरकार को बेहतर पॉलिसी बनाने की जरूरत है इसके लिए उन्हें फास्ट फूड व दूसरे अन्य खाद्य पदार्थों पर जी.टी.सी. की अधिक से अधिक दर लागू करनी चाहिए। वर्ल्ड डायबिटीज डे पर प्रैस क्लब में 150 से भी अधिक सदस्यों और उनके परिजनों ने इस कैंप का लाभ उठाया।  


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