पाक की आड़ में भारत के खिलाफ बड़े दाव की फिराक में चीन

punjabkesari.in Saturday, Jan 06, 2018 - 11:25 AM (IST)

बीजिंगः अमरीका-पाकिस्तान रिश्तों में दरार का फायदा उठाकर चीन अब पाक की आड़ में भारत के खिलाफ बड़ा दाव खेलने की फिराक में है। अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के पाकिस्तान के खिलाफ खुले तौर पर नाराजगी जाहिर करने के बाद पेइचिंग और इस्लामाबाद आर्थिक और रक्षा समझौते बढ़ा सकते हैं।  अपनी नई चाल चलते चीन अब पाकिस्तान में  अपना दूसरा नेवी बेस बनाने की प्लानिंग कर रहा है। चीन के मिलिट्री एनालिस्ट झोऊ चेनमिंग के मुताबिक, नेवी बेस पाक के ग्वादर पोर्ट के पास ही बनाया जाएगा।

दरअसल चीन के पाक में नेवी बेस बनाने के मकसद भारत पर प्रभुत्व कायम करना है। इससे पहले चीन ने अफ्रीका के जिबूती में नेवी बेस बनाया था। वहीं एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर अमरीका पाक पर दबाव डालता रहा तो पाक चीन के करीब जा सकता है। बता दें कि 46 अरब डॉलर का चीन-पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) ग्वादर को चीन के शिनजियांग को जोड़ेगा। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक चीन को अपने वॉरशिप्स (जंगी जहाजों) के लिए ग्वादर में एक अन्य बेस की जरूरत है, क्योंकि ग्वादर अभी तक एक सिविलियन पोर्ट है।

चूंकि मर्चेंट और वॉरशिप्स दोनों का अलग-अलग ऑपरेशन होता है, लिहाजा दोनों के लिए अलग-अलग फैसिलिटीज की जरूरत होती है। मर्चेंट शिप्स के लिए ज्यादा जगह वाला बड़ा बंदरगाह चाहिए, जिसमें वेयरहाउस और कंटेनर हों। लेकिन वॉरशिप के लिए मेंटेनेंस और लॉजिस्टिकल सपोर्ट सर्विस की जरूरत होती है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA-चीनी आर्मी) से जुड़े एक अन्य अफसर ने भी ग्वादर के करीब नेवी बेस बनाने की पुष्टि की है। "ग्वादर पोर्ट वॉरशिप्स को खास तरह की सुविधाएं मुहैया कराने के लिए काफी नहीं है। यहां से मिलिट्री लॉजिस्टिकल सपोर्ट नहीं मिल सकता।''

अमरीका ने की पुष्टि
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की खबर से पहले वॉशिंगटन की एक वेबसाइट द डेली कॉलर ने भी ग्वादर के पास चीन के नेवी बेस बनाने की बात कही थी। यूएस आर्मी में कर्नल रहे लॉरेंस सेलिन के मुताबिक, पाक और चीन अफसरों के बीच हुई बातचीत में ग्वादर के पास जीवानी पेनिनसुला में नए नेवी बेस स्थापित करने को लेकर सहमति बनी थी। ये ईरान की बॉर्डर के नजदीक है।

भारत पर एेसे पड़ेगा असर 
बलूचिस्तान में स्थित ग्वादर मुंबई से पास है। ग्वादर के पास नेवी बेस बनाकर चीन अरब सागर में पैठ बनाना चाहता है।  जीवानी, चाबहार (ईरान) से बेहद कम दूरी पर है। बता दें कि भारत, ईरान और अफगानिस्तान मिलकर चाबहार पोर्ट बना रहे हैं, जो भारत-अफगानिस्तान के बीच एक ट्रेड कॉरिडोर की तरह काम करेगा।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर अमरीका, पाक पर दबाव डालता रहा तो वह चीन के साथ इकोनॉमिक और डिफेंस रिलेशन और मजबूत कर सकता है। साथ ही चीन ईरान के चाबहार पोर्ट के पास पाक मिलिट्री बेस को अपने कब्जे में ले सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाक ने बाइलेटरल ट्रेड और फाइनेंस ट्रांजेक्शंस के लिए चीनी करंसी को पहले ही मंजूरी दे चुका है।
 


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