चीन में जीसस की तस्‍वीरें हटा शी को खुदा मानने का फरमान

punjabkesari.in Wednesday, Nov 15, 2017 - 01:20 PM (IST)

बीजिंगः चीन में पहले मुस्लिम सामग्री हटाने और फिर हिंदू प्रार्थना पर प्रतिबंध के बाद अब एक नया फरमान सामने आया है। खबर है कि दक्षिण-पूर्व चीन में ईसाई धर्म के लोगों को कथित रूप से कहा गया है कि अगर वे गरीबी से निजात के लिए सरकारी लाभ पाना चाहते हैं तो जीसस क्राइस्‍ट की तस्‍वीरें हटा लें और उनकी जगह राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग की तस्‍वीरें लगा लें। चीन में उन्‍हें जीसस क्राइस्‍ट से भी बड़ा बता कर खुदा बनाने की कवायद की जा रही है।

युगान काउंटी में हजारों ईसाइयों से स्‍थानीय अधिकारियों ने कहा है कि जीसस क्राइस्‍ट नहीं उनकी गरीबी या बीमारियां दूर करेंगे, बल्कि चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी यह करेगी। इसलिए उन्‍हें जीसस क्राइस्‍ट की तस्‍वीरें निकाल देनी चाहिए और राष्‍ट्रपति चिनफिंग की अच्‍छी सी तस्‍वीर लगा लेनी चाहिए। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्‍ट के अनुसार, चीन की सबसे बड़ी झील पोयांग के किनारे स्थित यह काउंटी अपनी गरीबी के साथ बड़ी संख्‍या में बसे ईसाई समुदाय के लिए जानी जाती है। इसकी 10 लाख आबादी की 11 फीसदी गरीबी रेखा के नीचे जीवन जीने को मजबूर है। जबकि इनमें करीब 10 फीसदी ईसाई हैं।

वाशिंगटन पोस्‍ट के अनुसार, युगान काउंटी में एक सोशल मीडिया अकाउंट के हवाले से पता चला है कि ग्रामीणों ने 'स्‍वेच्‍छापूर्वक' ईसाई धर्म से जुड़े 624 तस्‍वीरें हटा ली हैं और उनकी जगह राष्‍ट्रपति चिनफिंग की तस्‍वीरें लगा दी हैं। हालांकि अभी भी बेहद छोटे स्‍तर पर यह बदलाव हुआ है।  गौरतलब है कि हाल ही में चीन की सत्‍तारू़ढ़ कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन के बाद राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग पहले से कहीं और ज्‍यादा ताकतवर नेता के रूप में स्‍थापित हो गए हैं और उनका दर्जा बढ़ाकर पार्टी के संस्थापक माओ और उनके उत्तराधिकारी डेंग शियाओपिंग के बराबर कर गया दिया है।


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